vikas yadav accused in gurpatwant singh pannun : दिल्ली की एक अदालत ने कथित खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की अमेरिका में हत्या की कोशिश के आरोपी विकास यादव को उसके खिलाफ दर्ज अपहरण और जबरन वसूली के मामले में व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी है। अदालत ने यादव के खुद की जान को खतरा होने का दावा करने के बाद यह फैसला सुनाया है।
विशेष न्यायाधीश सुमित दास ने यादव को उसके वकील की ओर से दायर अर्जी पर 16 नवंबर के लिए व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी। अर्जी में दावा किया गया है कि यादव के व्यक्तिगत विवरण सार्वजनिक कर दिए गए हैं, जिससे उसकी जान को खतरा है। न्यायाधीश ने यादव को सुनवाई की अगली तारीख पर तीन फरवरी को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया।
दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने शहर के एक कारोबारी की शिकायत के बाद यादव को पिछले साल दिसंबर में गिरफ्तार किया था। कारोबारी ने यादव पर जबरन वसूली और अपहरण का आरोप लगाया था। इस मामले में मार्च में एक आरोपपत्र दाखिल किया गया और अप्रैल में जमानत दे दी गई।
ऐसा बताया जाता है कि यादव रॉ का पूर्व अधिकारी है। अमेरिका ने पन्नू की हत्या की नाकाम कोशिश के संबंध में उसका नाम लिया है। अदालत में दाखिल अर्जी में कहा गया है, आवेदक (यादव) के खिलाफ झूठे और तुच्छ आरोप लगाए गए हैं और आवेदक का विवरण जैसे कि उसका निवास, उसकी पृष्ठभूमि और उसकी तस्वीरें दुनिया भर में प्रकाशित की गई हैं, जिससे उसकी जान को कुख्यात तत्वों से गंभीर खतरा है।
इसमें दावा किया गया है, आवेदक पर दुश्मन तत्वों द्वारा लगातार नजर रखी जा रही है, जो सभी संभावित स्थानों पर उसका पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे आवेदक के पास अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह गया है।
अर्जी में कहा गया है, आवेदक की जान को खतरा स्पष्ट, गंभीर, आसन्न और संभावित है तथा अदालत के समक्ष आवेदक के व्यक्तिगत रूप से पेश होने से उसे मारने का अवसर मिलने की आशंका है।
इसमें दावा किया गया है कि वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए भी पेश होना अत्यधिक असुरक्षित है, क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर यादव की लोकेशन का पता लगाया जा सकता है। भाषा