नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने वैष्णोदेवी गुफा मंदिर जाने वाले पैदल श्रद्धालुओं और बैटरी चालित कारों के लिए 24 नवंबर से नया मार्ग खोलने के राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश पर सोमवार को रोक लगा दी। न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की दो सदस्यीय खंडपीठ ने श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड का पक्ष सुनने के बाद यह आदेश पारित किया। बोर्ड ने शीर्ष अदालत से कहा कि 24 नवंबर से नया मार्ग खोलना संभव नहीं है।
बोर्ड की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पीठ से कहा कि वैष्णो देवी गुफा के लिए दूसरे मार्ग का निर्माण कार्य चल रहा है और यह अगले साल फरवरी में श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस धर्म स्थल तक जाने के लिए पहले से ही दो मार्ग खुले हुए हैं और अब बोर्ड तीसरे मार्ग का निर्माण कर रहा है।
पीठ ने इसके साथ ही उस याचिकाकर्ता को नोटिस जारी किया जिसकी याचिका पर हरित अधिकरण ने 13 नवंबर को नया मार्ग खोलने का निर्देश दिया था। अधिकरण ने नया मार्ग खोलने का आदेश देने के साथ ही वैष्णो देवी में रोजाना दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी 50 हजार तक सीमित कर दी थी। अधिकरण ने यह भी कहा था कि नए मार्ग पर घोड़ों और खच्चरों को चलने की अनुमति नहीं होगी।
हरित अधिकरण ने प्राधिकारियों को निर्देश दिया था कि यदि कोई भी व्यक्ति वैष्णो देवी गुफा की ओर जाने वाली सड़क या बस अड्डे पर गंदगी फैलाता मिले तो उस पर दो हजार रुपए का जुर्माना किया जाए क्योंकि यह पैदल यात्रियों, विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए खतरनाक है। (भाषा)