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खुलासा! भागवत को आतंकियों की सूची में डालना चाहती थी यूपीए सरकार

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नई दिल्ली , शनिवार, 15 जुलाई 2017 (09:23 IST)
नई दिल्ली। एक अंग्रेजी न्यूज चैनल ने एक बड़ा खुलासा करते हुए दावा किया कि यूपीए सरकार संघ प्रमुख मोहन भागवत को हिंदू आतंकवाद के जाल में फंसाकर आतंकियों की सूची में डालना चाहती थी। इस काम में उसके मंत्री लगे हुए थे।
 
समाचार चैनल टाइम्स नाउ के अनुसार, अजमेर और मालेगांव में हुई कट्टरपंथी हिंसा के बाद यूपीए सरकार ने देश में हिंदू आतंकवाद का मुद्दा उछाला और एनआईए पर इस बात के लिए दबाव बना रही थी कि भागवत को घेरा जाए।
 
समाचार चैनल ने दावा किया कि एनआईए द्वारा बनाई गई फाइलों से पता चलता है कि जांच आधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अभिनव भारत नाम के संगठन की अजमेर और अन्य धमाकों में आरोपित भूमिका के चलते मोहन भागवत से इस मामले में पूछताछ करना चाहते थे।
 
अधिकारियों को सीधे यूपीए के मंत्रियों से आदेश मिल रहे थे और इनमें उस समय के गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे भी शामिल थे जो भागवत को गिरफ्तार कर पूछताछ करवाने की कोशिश में थे।
 
खबर के अनुसार यूपीए सरकार ने एनआईए पर तब दबाव बढ़ाना शुरू किया जब संदिग्ध हिंदू आतंकी स्वामी असीमानंद ने कारवां मैगजीन को फरवरी 2014 में पंचकुला जेल में रहते हुए दिए इंटरव्यू में हमलों के लिए प्रेरित करने वालों में कथित तौर पर मोहन भागवत का नाम लिया था। लेकिन एनआईए प्रमुख शरद कुमार ने टेप की फॉरेंसिक जांच करवाई और जब कुछ खास सामने नहीं आया तो उन्होंने मामला खत्म कर दिया।

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