मुंबई। शिवसेना नेता संजय राउत ने गुरुवार को कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सत्ता में 100 दिन पूरे होने के उपलक्ष्य पर मार्च में उनके प्रस्तावित अयोध्या दौरे में उनके सहयोगी दलों कांग्रेस एवं राकांपा का स्वागत है।
राउत ने कहा कि भगवान राम की पूजा-अर्चना करने का उस सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम से कोई लेना-देना नहीं है, जिसके आधार पर महाराष्ट्र में सरकार गठित करने के लिए वैचारिक रूप से अलग 3 विभिन्न दल एकसाथ आए थे।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम की पिछले साल अक्टूबर में घोषणा के बाद सत्ता साझा करने को लेकर मतभेद के कारण शिवसेना और भाजपा का गठबंधन टूट गया था। इसके बाद ठाकरे का उत्तर प्रदेश स्थित अयोध्या का यह पहला दौरा होगा।
राउत ने कहा, हमने अपने सहयोगियों समेत सभी को आमंत्रित किया है। हर कोई अपने घर में भगवान राम की पूजा करता है। इसलिए, वे अयोध्या में भी हमारे साथ मिलकर पूजा-अर्चना कर सकते हैं। राउत ने कहा कि भगवान राम की पूजा करने का उस सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम से कोई लेना-देना नहीं है, जिसे लेकर महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार के गठन के दौरान तीनों दलों में सहमति बनी थी।
इससे पहले, ठाकरे ने 24 नवंबर 2019 को अपना अयोध्या दौरा टाल दिया था। शिवसेना ने महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए अंतत: राकांपा एवं कांग्रेस से हाथ मिला लिया था। ठाकरे ने 28 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की थी और हाल में उन्होंने कार्यालय में 50 दिन पूरे किए।
राउत ने बुधवार को ट्वीट किया था, सरकार भगवान राम के आशीर्वाद से 5 साल का कार्यकाल पूरा करने के लिए काम कर रही है। सत्ता में 100 दिन पूरे होने के मौके पर भगवान राम का आशीर्वाद लेने और अपनी भविष्य की रणनीति तैयार करने के लिए ठाकरे अयोध्या जाएंगे। ठाकरे आखिरी बार जून 2019 में पार्टी के नवनिर्वाचित 18 सांसदों के साथ अयोध्या गए थे और रामलला मंदिर में पूजा-अर्चना की थी।