रांची। झारखंड विधानसभा में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सुनियोजित तरीके से 2022 से पटकथा लिखी जा रही थी। गिरफ्तारी की इस सुनियोजित साजिश में राजभवन भी शामिल था। ये पकवान धीमी आंच पर पकाया जा रहा था। मैं आंसू नहीं बहाऊंगा, वंचितों के आंसुओं का मोल नहीं। हम लोगों ने सिर झुकाकर चलना नहीं सीखा। आदिवासी, दलित, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है। वे देश में सुरक्षित नहीं। उन्होंने कहा कि आदिवासियों में हड्डियां ज्यादा होती है, इसलिए संभलकर खाएं।
फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा में हेमंत सोरेन ने आगे कहा कि सत्ता पक्ष की घृणा की ताक़त है आज की स्थिति. हम इनके बराबर में आए तो इनके कपड़े मैले होने लगे। ये हमें अछूत मानते हैं .इनका बस चले तो हमें वापस जंगल छोड़ आएं। इन्हें लगता है मुझे जेल में डालकर ये अपने मंसूबों में सफल होंगे, दोष साबित बुए तो राजनीति छोड़ दूंगा। यहां अनगिनत लोगों ने कुर्बानी देकर आदिवासी दलितों को बचाया है, इनको आदिवासी और दलितों से घृणा है। हम सत्ता लोलुपता के लिए कभी नहीं आए, आदिवासी के मान सम्मान के लिए लड़ रहे हैं।
तो इन्हें दुख होता है : हेमंत सोरेन ने कहा कि एक दस्तावेज निकालकर दिखा दें कि मैंने साढ़े 8 एकड़ जमीन हड़पी है तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा। कानून के अंदर गैर कानूनी काम करना कोई इनसे सीखे। झारखंड का इतिहास आपको कभी माफ नहीं करेगा। मैं हवाई जहाज से चलता हूं और बीएमडब्ल्यू में चलता हूं इस बात का इन्हें दुख है। लेकिन हमने सिर झुकाकर चलना नहीं सीखा है।
Edited By navin rangiyal