उरी में घुसपैठ को नाकाम करने के लिए नई पीढ़ी के निगरानी उपकरणों का हुआ इस्तेमाल : भारतीय सेना

Webdunia
शुक्रवार, 26 अगस्त 2022 (18:27 IST)
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में गुरुवार को नियंत्रण रेखा पर घुसपैठरोधी अभियान के दौरान 3 आतंकवादियों का पता लगाने और उन्हें खत्म करने के लिए हवाई और जमीन आधारित संवेदकों समेत नई पीढ़ी के निगरानी उपकरणों तथा हथियारों का इस्तेमाल किया गया।

सेना की तरफ से यह जानकारी दी गई। उत्तरी कश्मीर के बारामूला में सेना की 19वीं इंफेंट्री डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) मेजर जनरल अजय चांदपुरी ने कहा कि सैन्य आसूचना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और जमीनी स्तर पर सेना के अपने स्रोतों सहित विभिन्न माध्यमों से मिली विश्वसनीय जानकारी के बाद अभियान शुरू किया गया था।

उन्होंने कहा, हमने उरी सेक्टर के कमलकोट इलाके में पीओके से घुसपैठ की एक कोशिश को नाकाम कर दिया है, जिसमें तीन विदेशी आतंकियों को मार गिराया गया तथा हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है। जीओसी ने कहा कि जिस क्षेत्र में इस अभियान को अंजाम दिया गया वह बेहद चुनौतीपूर्ण था।

उन्होंने कहा, वहां घने झाड़-झंखाड़ थे। वहां काफी अंधेरा था और भारी बारिश हो रही थी। पूरे इलाके में बारुदी सुरंग भी थीं। इस अभियान को अंजाम देते समय जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ा उन्हें देखते हुए इसकी सराहना की जा सकती है।

अभियान का विवरण देते हुए, उसे अंजाम देने वाली 8 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग अफसर (सीओ) कर्नल राघव ने कहा कि उक्त सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर तैनात जवानों जिनमें बीएसएफ कर्मी भी शामिल थे, ने इलाके में संदिग्ध गतिविधि देखी।

उन्होंने कहा, इसके आधार पर अभियान मृत्युंजय शुरू किया गया। छोटे घातक दलों और निगरानी दलों को इलाके में भेजा गया। दुश्मन के निगरानी उपकरणों और निगरानी तंत्र को हमारे दलों की भनक नहीं लगी। हमारे दल इस स्थान पर 25 घंटे से भी ज्यादा समय तक तैनात रहे और 25 अगस्त को सुबह सात बजकर 55 मिनट पर उन्होंने आतंकवादियों को नियंत्रण रेखा पार करते हुए देखा।

सीओ ने कहा कि नवीनतम हवाई और जमीनी संवेदकों और निगरानी उपकरणों से आतंकवादियों की गतिविधि पर निगरानी सुनिश्चित की गई। उन्होंने कहा कि गुरुवार को सुबह पौने नौ बजे आतंकवादी जब घातक दलों से 40-50 मीटर की दूरी पर रह गए तो उन पर हमला किया गया और करीब 15 मिनट तक हुई गोलीबारी में तीनों पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया गया।

कर्नल राघव ने कहा कि इलाके में तलाशी अभियान अब भी जारी है। उन्होंने कहा, बारुदी सुरंगों की चुनौतियों के कारण तलाशी अभियान अब भी जारी है। अभी बारुदी सुरंग को साफ करने का काम किया जा रहा है, जिससे समुचित तलाशी सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने बताया कि दो एक श्रृंखला के हथियार, एक चीनी एम-16 हथियार और उनके कारतूस तथा अन्य साजोसामान बरामद किया गया है।

उन्होंने कहा, यह भी पता चला है कि इन आतंकवादियों की अच्छी देखरेख हुई थी और घुसपैठ के लिए तैयार करने के साथ ही, उनकी कदकाठी और हावभाव से संकेत मिलता है कि उन्होंने औपचारिक सैन्य प्रशिक्षण लिया था। इन आतंकवादियों के पास हालांकि ऐसा कोई दस्तावेज नहीं मिला, जिससे उनकी पहचान सुनिश्चित हो सके।(भाषा)
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