राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की इनसाइड स्टोरी?
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाए जाने की मांग
राहुल गांधी को एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। शनिवार को हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में एक सुर में सभी सदस्यों ने राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की है। बैठक के बाद पार्टी की सीनियर नेता अंबिका सोनी ने कहा कि वर्किंग कमेटी की बैठक में सभी लोग एकमत थे कि राहुल गांधी अध्यक्ष बनें। वहीं पार्टी के सीनियर नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष बने यह वर्किंग कमेटी की राय थी और अब फैसला राहुल गांधी को करना है। बताया जा रहा है कि वर्किंग कमेटी की बैठक में राहुल गांधी ने वर्किंग कमेटी के प्रस्ताव पर विचार करने की बात कहीं।
कांग्रेस की आज हुई वर्किंग कमेटी में नए अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरु करने पर भी निर्णय ले लिया गया। नया अध्यक्ष चुनाव की प्रकिया के लिए अब संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया एक नवंबर से शुरु होगी जिसमें सबसे पहले सदस्यता अभियान की प्रकिया होगी, वहीं चुनाव की पूरी प्रकिया अक्टूबर 2022 में पूरी होगी, जिसमें पार्टी को नया चुना हुआ पूर्णकालिक अध्यक्ष मिलेगा।
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक की शुरुआत करते हुए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि वह भले ही अंतरिम अध्यक्ष है लेकिन पूर्णकालिक अध्यक्ष की तरह काम कर रही है। सोनिया ने पार्टी के अंसतुष्ट नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि मीडिया के जरिए उनसे बात नहीं करें, अगर कोई बात करनी है तो कांग्रेस वर्किंग कमेटी में करें।
2109 के लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने वाले राहुल गांधी को आखिर क्यों फिर कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की मांग कांग्रेस वर्किंग कमेटी में हो रही है। 2019 के लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।
कांग्रेस की अंदरखाने की राजनीति और नेहरू-गांधी परिवार को बेहद करीबी से देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार रशीद किदवई कहते हैं कि इस मांग के पीछे कई सवाल है। सबसे पहले यह सोचने और समझने की बात है कि क्या नेहरू-गांधी परिवार से नहीं आने वाला कांग्रेस अध्यक्ष कांग्रेस को वोट दिला सकता है? क्या नरेंद्र मोदी की काट कर सकता है ? इस प्रश्न का जवाब हमें पहले खोजना चाहिए।
रशीद किदवई आगे कहते हैं कि यह सच है कि आज कांग्रेस एक बुरे दौर से गुजर रही है,लेकिन यह भी उतना सच है कि नेहरू-गांधी परिवार के विरोधी भी आज उसी परिवार की तरफ देख रहे है कि वह आगे की दिशा और दशा बताएं। पार्टी में विरोध के सुर उठाने वालों का भी मानना हैं कि वह नेहरू-गांधी परिवार के सदस्य को ही कांग्रेस का अध्यक्ष बनाएं।
पार्टी के भीतर से उठ रहे सवालों के बाद भी राहुल गांधी लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है। चाहे वह महंगाई का मुद्दा हो या विदेशी नीति पर सरकार को घेरना का। पिछले दिनों लखीमपुर हिंसा पर राहुल और प्रियंका ने एक साथ आते हुए जिस तरह से लखीमपुर से लेकर दिल्ली तक भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोला है उससे एक बार फिर कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ता गांधी परिवार की तरफ नेतृत्व की उम्मीद लगाकर देख रहा है।