कश्मीर में पिछले कुछ दिनों में बैंक और कैश वैन पर हमले की आतंकवादी घटनाओं को देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि आतंकियों ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। इससे इस बात को भी बल मिलता है कि भारत में नोटबंदी की घोषणा के बाद आतंकवादी संगठनों की आर्थिक रूप से कमर टूट गई है।
अनंतनाग शहर में 28 अप्रैल को दो आतंकवादियों ने एक बैंक पर हमला कर दिया। हालांकि सीआरपीएफ के जवानों ने न सिर्फ इस हमले को नाकाम किया, बल्कि हमलावर आतंकवादियों में से एक को दबोच भी लिया। ताजा घटना में सोमवार यानी 1 मई को आतंकियों ने कुलगाम में एक कैश वैन पर हमला किया। इस हमले में 5 पुलिसकर्मियों समेत 7 लोगों की मौत हो गई। यह भी खबर है कि आतंकी इस हमले के बाद कैश वैन 50 लाख रुपए लूट ले गए साथ ही पुलिसवालों के हथियार भी ले गए।
दरअसल, नोटबंदी के बाद इस तरह की भी खबरें आई थीं कि पाकिस्तान की ओर से भी आतंकियों और पत्थरबाजों को फंडिंग में कमी आई है, जिससे वे आर्थिक रूप से कमजोर पड़ गए हैं। बदली हुई रणनीति के तहत आतंकवादी बहुत ही सोच-समझकर अंजाम दे रहे हैं ताकि हमले के बाद कैश भी ले जा सकें। हालांकि कुछ समय तो पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आई थी, लेकिन बाद में फिर पत्थरबाज सक्रिय हो गए। कई बार तो उन्होंने मुठभेड़ के दौरान पत्थरबाजी कर आतंकवादियों को भागने में भी मदद की।
बैंकों और उनके कैश वैन पर हमले निश्चित ही सुरक्षा बलों के लिए खतरे की घंटी है। कोई बड़ी बात नहीं आतंकवादी आने वाले समय में इस तरह की घटनाओं को और अंजाम दें। अत: इस मामले में बेहद सतर्कता की जरूरत है। बताया जाता है कि आतंकी इस तरह की लूट की घटनाओं को इसलिए अंजाम दे रहे हैं ताकि आतंक का सामान जुटाया जा सके।