LOC पार कर कश्मीर में घुसे आतंकी, सेना ने बढ़ाई गश्त

सुरेश डुग्गर
श्रीनगर। भीषण सर्दी के बावजूद बीसियों आतंकी एलओसी क्रॉस कर कश्मीर में घुसने में कामयाब रहे हैं। नतीजतन कश्मीर की शांति खतरे में पड़ गई है। सेना ने आतंकी हमलों को रोकने की खातिर रात्रि तलाशी अभियान तेज करते हुए रात्रि गश्त के साथ-साथ नाकेबंदी की पुरानी रणनीति भी अपनाई है, जिस कारण लोगों को असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है।

हालांकि सेनाधिकारियों के बकौल, सेना ने अन्य सुरक्षाबलों के साथ मिलकर अब अर्धरात्रि को अभियान भी शुरू किए हैं जिन्हें कामयाबी मिल रही है।
 
वरिष्ठ अधिकारियों ने माना कि पिछले पखवाड़े पाक सेना बीसियों आतंकियों को इस ओर धकेलने में कामयाब हुई है। घुसपैठ करने वाले ताजा आतंकियों के प्रति चौंकाने वाला तथ्य यह है कि वे अति घातक हथियारों से लैस हैं जिन्हें कश्मीर की शांति भंग करने का टास्क दिया गया है। एक सैन्य सूत्र के मुताबिक, एलओसी के कुछ इलाकों में संदिग्ध व्यक्ति देखे गए हैं। हालांकि इस सूत्र ने उन इलाकों की निशानदेही करने से इंकार करते हुए कहा कि इलाकों की पहचान बताए जाने से वहां लोगों में दहशत फैल सकती है।
 
आतंकियों के ताजा दलों द्वारा घुसपैठ में कामयाब होने के बाद उनके इरादों के बारे में मिली जानकारी सुरक्षाधिकारियों को परेशान कर रही है। वे बताते हैं कि उन्हें भयानक तबाही मचाने का टास्क दिया गया है। वैसे वे इससे भी इंकार नहीं करते थे कि घुसपैठ करने वालों में तालिबानी, अलकायदा या आईएस के सदस्य हो सकते हैं क्योंकि सुने गए वायरलेस संदेश इसके प्रति शंका पैदा करते थे।
 
अधिकारियों के मुताबिक, एलओसी पर बर्फबारी के कारण कई स्थानों पर तारबंदी को नुकसान होने का लाभ पाक सेना ने उठाया है।

अधिकारियों का कहना था कि स्थिति से निपटने की खातिर सेना को रात्रि गश्त बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। सेना ने रात्रि तलाशी अभियान फिर से आरंभ किए हैं। साथ ही नाकेबंदी में सेना की सहायता भी ली जाने लगी है। यह सच था कि सेना द्वारा स्थानीय प्रशासन को एलओसी के इलाकों में मदद दिए जाने के कारण आम नागरिकों को भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। पर एक नागरिक प्रशासनिक अधिकारी का कहना था कि सुरक्षा की खातिर इतनी असुविधा को तो सहन करना होगा।
 
सुरक्षाबल कहने लगे हैं कि घुसपैठ को पूरी तरह से रोक पाना संभव नहीं हो रहा है। फिर से आतंकी हिंसा के बढ़ने की चेतावनी ने कश्मीरियों को परेशान कर दिया है। यूं तो सेना एलओसी पर चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने का दावा करती है पर परदे के पीछे वह इसे स्वीकार करती है कि तारबंदी, लाखों सैनिकों की तैनाती और उपकरणों की उपस्थिति के बावजूद उबड़-खाबड़ एलओसी पर इक्का-दुक्का घुसपैठ की वारदातों को रोक पाना संभव नहीं है।
 
सेना भी मानती है कि पाक सेना ने घुसपैठ की नीतियों में जबरदस्त बदलाव लाया है। अब वह परंपरागत रास्तों और तरीकों को छोड़ कर नए तरीके अपना रही है। जिसमें वाया नेपाल और जम्मू बार्डर से आतंकियों को बिना हथियारों के धकेलना तथा एलओसी के रास्ते दो से तीन के गुटों में घुसपैठ करवाना भी शामिल है।
 
सेनाधिकारी मानते हैं कि बर्फबारी से पूर्व भी कई आतंकी घुसपैठ करने में कामयाब हुए हैं। हालांकि वह साथ ही दावा करते हैं कि घुसपैठ करने में कामयाब हुए आतंकियों की तलाश अभी भी जारी है। जबकि सुरक्षा एजेंसियां यह कहने से नहीं चूक रहीं कि पिछले कुछ समय से कश्मीर में होने वाली घटनाओं के पीछे ताजा घुसपैठ करने वाले आतंकियों का हाथ था।
 
ताजा चेतावनियों और आतंकी हमलों के दौर में आम कश्मीरी एक बार फिर बुरे हालात के प्रति सोचने लगा है। उसे लगने लगा है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बनते-बिगड़ते हालात का सीधा असर कश्मीर पर पड़ेगा और वह उसकी रोजी-रोटी को छीन लेगा। सेना भी कुछ ऐसा ही चेता रही है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Project Cheetah : प्रोजेक्ट चीता अच्छा काम कर रहा, NTCA ने जारी की रिपोर्ट

No Car Day : इंदौर 22 सितंबर को मनाएगा नो कार डे, प्रशासन ने नागरिकों से की यह अपील

LLB अंतिम वर्ष के छात्र भी दे सकेंगे AIBE की परीक्षा, Supreme Court ने BCI को दिए आदेश

फारूक अब्दुल्ला का PM मोदी पर पलटवार, कहा- वे उन लोगों के साथ खड़े जिन्हें पाक से मिलता है धन

बैठक के दौरान जब CM योगी ने पूछा, कहां हैं पूर्व सांसद लल्लू सिंह?

सभी देखें

नवीनतम

Maharashtra : जब धरती में समा गया पूरा ट्रक, वीडियो देख रह जाएंगे दंग

Haryana Election : AAP के प्रचार अभियान में शामिल हुए अरविंद केजरीवाल, बोले- पूरा राज्य चाहता है परिवर्तन

Gaganyaan Mission को लेकर क्‍या है चुनौती, प्रक्षेपण से पहले ISRO चीफ ने दिया यह बयान

One Nation One Election : पूर्व CEC कुरैशी ने बताईं एक देश एक चुनाव की खूबियां और खामियां

महाराष्ट्र में MVA के बीच सीटों का बंटवारा, जानिए किसको मिलीं कितनी सीटें

अगला लेख
More