नई दिल्ली। पीओके में अब तालिबानी फरमान के सुर सुनाई देने लगे हैं। यहां लड़कियों के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। हालांकि फरमान सुनाने के बाद इसे लेकर आलोचना भी शुरू हो गई है।
दरअसल, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेतृत्व वाली सरकार ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सह-शिक्षा संस्थानों में छात्राओं और शिक्षकों के लिए हिजाब अनिवार्य कर दिया है। इसे लेकर पीओके सरकार ने अधिसूचना जारी की गई है। इसके साथ ही चेतावनी दी गई है कि हिजाब नहीं पहनने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस अधिसूचना के मुताबिक शिक्षा संस्थानों में छात्राओं और शिक्षिकाओं को हिजाब पहनना अनिवार्य है। आदेशों के उल्लंघन पर संस्थान प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यहां के स्थानीय पत्रकारों ने सरदार तनवीर की अगुवाई वाली पीटीआई सरकार के इस फैसले की आलोचना की है।
हालांकि इस तालिबानी फरमान का विरोध भी शुरू हो गया है। वरिष्ठ पत्रकार मारियाना बाबर ने ट्विटर पर इसकी आलोचना की और इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं को यह चुनने की आजादी दी जानी चाहिए कि वे क्या पहनें। नयादौर मीडिया के कार्यकारी संपादक मुर्तजा सोलंगी ने कहा, पहले अफगान तालिबान ने गुलामी की बेड़ियों को तोड़ दिया और अब उनके ग्रेट डिप्टी ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में गुलामी की बेड़ियों को तोड़ दिया है
वहीं, मारियाना बाबर ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस फैसले की आलोचना की। उन्होंने कहा, महिलाओं को एक विकल्प दिया जाना चाहिए।
edited by navin rangiyal