नई दिल्ली। भाजपा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने नेशनल हेरॉल्ड मामले में गवाहों को तलब करने का अनुरोध करते हुए शनिवार को दिल्ली की एक अदालत का रुख किया। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ यह मामला दायर किया है।
अदालत में दायर अर्जी में स्वामी ने उच्चतम न्यायालय के सेक्रेटरी जनरल संजीव एस. कलगांवनार, उपभूमि एवं विकास अधिकारी रजनीश कुमार झा, आयकर उपायुक्त (सर्किल-1) साकेत सिंह और 2 नवंबर 2012 को प्रेस विज्ञप्ति जारी करने वाले कांग्रेस के एक पदाधिकारी को तलब करने का अनुरोध किया है। आरोप तय करने से पहले साक्ष्य दर्ज करने की कार्यवाही के तहत अदालत में शिकायतकर्ता स्वामी की जिरह के लिए मामले की सुनवाई निर्धारित है।
आवेदन में कहा गया कि यह मामला दस्तावेजी साक्ष्य का एक उत्कृष्ट मामला है। इस तथ्य के कारण कि कई दस्तावेज शिकायतकर्ता के मुख्य परीक्षण के लिए संलग्न किए गए हैं, जो सार्वजनिक दस्तावेज हैं। इन दस्तावेजों को मार्क किया गया है और ये सार्वजनिक दस्तावेजों की सत्यापित प्रतियां हैं।
अर्जी में कहा गया कि इन दस्तावेजों को मार्क किए जाने की वजह से इन्हें उचित गवाहों की गवाही के माध्यम से साबित करने की जरूरत है। यह दोहराया जाता है कि शिकायतकर्ता का मामला दस्तावेजी साक्ष्य का एक उत्कृष्ट मामला है इसलिए इन्हें गवाहों द्वारा साबित किए जाने की जरूरत है।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट रवीन्द्र कुमार पांडेय ने शनिवार को इस मामले की सुनवाई 23 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी, क्योंकि आरोपी पक्ष के वकील प्रत्यक्ष रूप से सुनवाई में शामिल नहीं हुए और उन्होंने मामले की सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध किया। इससे पहले अदालत ने दोनों पक्षों से कहा था कि कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए सुनवाई के तरीके का समाधान तलाशें।
उल्लेखनीय है कि स्वामी ने अदालत में गांधी परिवार और अन्य के खिलाफ निजी आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपियों ने महज 50 लाख रुपए का भुगतान करके धोखाधड़ी और धन का गबन करने की साजिश रची। इसके जरिए यंग इंडियन (वाईआई) प्राइवेट लिमिटेड ने महज 50 लाख रुपए देकर एसोसिएट जर्नल लिमिटेड (एजेएल) से 90.25 करोड़ प्राप्त करने का अधिकार प्राप्त कर लिया, जो उस पर कांग्रेस का बकाया था। एजेएल नेशनल हेरॉल्ड की प्रकाशक है।
सभी 7 आरोपियों (सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीस, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और यंग इंडियन) ने इन आरोपों का खंडन किया है। (भाषा)