Swami Prasad Maurya gets big relief from Supreme Court : उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ उनकी बेटी एवं पूर्व सांसद संघमित्रा मौर्य से जुड़े वैवाहिक विवाद के मामले में आपराधिक कार्रवाई पर रोक लगा दी। पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया।
न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया। मौर्य ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के उस आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है, जिसमें दीपक कुमार स्वर्णकार द्वारा दायर मामले में उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई को रद्द करने से इनकार कर दिया गया था। स्वर्णकार ने संघमित्रा का पति होने का दावा किया है।
इससे पहले एक विशेष अदालत ने एक व्यक्ति को परेशान करने और धमकी देने से संबंधित मामले में स्वामी प्रसाद और संघमित्रा को फरार घोषित कर दिया था। शिकायत में खुद को पत्रकार बताने वाले व्यक्ति ने आरोप लगाया है कि संघमित्रा ने 2019 के संसदीय चुनाव से पहले बौद्ध रीति-रिवाजों के अनुसार उनसे शादी की थी और उन्हें आश्वासन दिया था कि वे चुनावों के बाद इस बात को सार्वजनिक कर देंगे।
दीपक ने अपनी शिकायत में कहा है कि लेकिन चुनाव के बाद वह सांसद बन गईं और तब से उन्होंने और उनके पिता ने पुलिस और गुंडों की मदद से उन्हें परेशान करना शुरू कर दिया। स्वामी प्रसाद और संघमित्रा ने इन कार्यवाहियों को रद्द करने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन अदालत ने उनकी याचिकाओं को खारिज कर दिया था। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour