नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने नोएडा में सुपरटेक की एमेराल्ड कोर्ट परियोजना के 40 मंजिला 2 टॉवरों को नियमों का उल्लंघन कर निर्माण करने के कारण गिराने के मंगलवार को निर्देश दिए।
न्यायालय ने मंगलवार को अपने आदेश में कहा कि घर खरीदारों का पूरा पैसा बुकिंग के वक्त से 12 प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाया जाए, रेजिडेंट्स वेल्फेयर एसोसिएशन को दो टॉवरों के निर्माण से हुई परेशानी के लिए दो करोड़ रुपए दिए जाएं।
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 11 अप्रैल 2014 के फैसले में किसी हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है। उच्च न्यायालय ने भी अपने फैसले में दोनों टॉवरों को गिराने के निर्देश दिए थे।
न्यायालय ने कहा कि सुपरटेक के 915 फ्लैट और दुकानों वाले 40 मंजिला दो टॉवरों का निर्माण नोएडा प्राधिकरण के साथ साठगांठ कर किया गया है और उच्च न्यायालय का यह विचार सही था।
पीठ ने कहा कि दो टॉवरों को नोएडा प्राधिकरण और विशेषज्ञ एजेंसी की निगरानी में 3 माह के भीतर गिराया जाए और इसका पूरा खर्च सुपरटेक लिमिटेड उठाएगा।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि हाल में उसने देखा है कि मेट्रोपॉलिटन इलाकों में योजना प्राधिकारों के साठगांठ से अनधिकृत निमार्ण तेजी से बढ़ा है और इससे सख्ती से निपटा जाना चाहिए।