नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने जानी-मानी गायिका अनुराधा पौडवाल की एक स्थानांतरण याचिका पर गुरुवार को उस महिला को नोटिस जारी किया जिसने गायिका और उनके पति को उसके जैविक माता-पिता होने का दावा किया है, साथ ही परिवार अदालत में दायर याचिका की सुनवाई पर रोक लगा दी।
पौडवाल ने केरल के तिरुवनंतपुरम की परिवार अदालत में उस महिला द्वारा दायर याचिका को मुंबई स्थानांतरित करने का निर्देश देने का न्यायालय से अनुरोध किया है। केरल की 45 वर्षीय महिला ने दावा किया है कि पौडवाल और उनके स्वर्गीय पति ही उनके जैविक माता-पिता हैं।
मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की खंडपीठ ने गायिका की याचिका पर उस महिला को नोटिस जारी किया तथा परिवार अदालत में दायर याचिका की सुनवाई पर फिलहाल रोक लगा दी।
आरोप लगाने वाली महिला ने पौडवाल परिवार से 50 करोड़ रुपए बतौर मुआवजा और संपत्ति में एक-चौथाई हिस्सा देने की मांग की है। तिरुवनंतपुरम की परिवार अदालत ने दावा करने वाली महिला की याचिका स्वीकार करते हुए पौडवाल को समन किया था जिसके बाद गायिका को शीर्ष अदालत का रुख करना पड़ा है।