सुप्रीम कोर्ट में विवाद सुलझा, कामकाज सामान्य

Webdunia
सोमवार, 15 जनवरी 2018 (18:45 IST)
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों के गत शुक्रवार को प्रेस कॉन्‍फ्रेंस करने से उपजे विवाद के बाद सोमवार को अदालती कामकाज सामान्य ढंग से चला और एटर्नी जनरल केके वेणुगोपाल तथा भारतीय विधिज्ञ परिषद (बीसीआई) ने विवाद के सुलझ जाने का दावा किया।
 
 
न्यायमूर्ति जस्ती चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर, न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर शीर्ष अदालत के प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाये थे। यह संवाददाता सम्मेलन न्यायमूर्ति चेलमेश्वर के तुगलक रोड स्थित आवास पर हुआ था। उन्‍होंने मुख्य न्यायाधीश के रवैए पर अंगुली उठाते हुए कहा था, प्रेस कॉन्‍फ्रेंस बुलाने का निर्णय हमें मजबूरी में लेना पड़ा है। देश का लोकतंत्र खतरे में है। सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक से काम नहीं कर रहा है तथा मामलों के आवंटन को लेकर मुख्य न्यायाधीश का रवैया ठीक नहीं है।
 
सरकार के सर्वोच्च विधि अधिकारी वेणुगोपाल तथा बीसीआई के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने 'जज विवाद' सुलझ जाने का दावा किया। वेणुगोपाल ने एक निजी टेलीविजन चैनल को बताया कि अदालती कामकाज शुरू होने से पहले एक अनौपचारिक बातचीत में यह विवाद सुलझा लिया गया है।
 
बीसीआई के अध्यक्ष मिश्रा ने बताया कि परिषद का सात-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल उच्चतम न्यायालय के 15 न्यायाधीशों से मिला और उन्होंने (जजों ने) विवाद सुलझा लिए जाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को इस मामले का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।
 
मिश्रा ने कहा, कहानी खत्म हो गई है। प्रेस कॉन्‍फ्रेंस करने वाले चारों न्यायाधीश आज मुकदमों की सुनवाई भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह न्यायपालिका का आपसी मामला था, जिसे आपस में बैठकर खत्म कर लिया गया। इस पर बहुत टीका-टिप्पणी की जरूरत नहीं है, क्योंकि घर का मामला घर में सुलझ गया है।
 
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश हमेशा की तरह आज सुबह एक बार फिर लाउंज में इकट्ठा हुए और साथ में चाय और कॉफी पी, लेकिन इस बार खास बात यह रही कि इस दौरान सारे कोर्ट स्टॉफ को बाहर भेज दिया गया। चाय-कॉफी के बाद सर्वोच्च न्यायालय में कामकाज सामान्य दिनों की तरह शुरू हुआ, अंतर सिर्फ इतना रहा कि आज लगभग सभी बेंच में साढ़े दस बजे के बजाय 10 बजकर 40 मिनट से सुनवाई आरंभ हुई।
 
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की बेंच जैसे ही बैठी, अधिवक्ता आरपी लूथरा ने गत शुक्रवार को चार वरिष्ठ न्यायाधीशों द्वारा किए गए संवाददाता सम्मेलन का मामला उठाया। उन्‍होंने न्यायमूर्ति मिश्रा से इन न्यायाधीशों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की, हालांकि मुख्‍य न्‍यायाधीश ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। वे चुपचाप सुनते रहे। लूथरा वही वकील हैं, जिनकी प्रक्रिया ज्ञापन (एमओपी) से संबंधित याचिका का जिक्र चारों न्यायाधीशों ने मुख्‍य न्‍यायाधीश को लिखे पत्र में किया था। (वार्ता)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

उद्धव ठाकरे, अजित पवार के बाद CM शिंदे के बैग की तलाशी, जानिए नेताओं के पास क्या-क्या मिला

क्या महाराष्ट्र में चुनाव के बाद बदलेंगे राजनीतिक समीकरण, फिर चाचा शरद के साथ आ सकते हैं अजित पवार

न UPPSC झुकने को तैयार है और न ही प्रतियोगी छात्र, कैसे बनेगी बात?

कवि प्रदीप की पंक्तियों का सुप्रीम कोर्ट में उल्लेख, एक घर का सपना कभी ना छूटे

महाराष्ट्र चुनाव में स्व. इंदिरा गांधी की भी एंट्री, जानिए क्या कहा अमित शाह ने

सभी देखें

नवीनतम

Weather Updates: पहाड़ी इलाकों में हुई बर्फबारी, अब पड़ेगी कड़ाके की ठंड, IMD ने किया अलर्ट

राजस्थान के टोंक में दूसरे दिन भी तनाव, पुलिस को नरेश मीणा की तलाश

LIVE: महाराष्ट्र में पीएम मोदी, राहुल गांधी की सभाएं, झारखंड में गरजेंगे अमित शाह

साइबर जालसाजों को बैंक खाता उपलब्ध कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 4 गिरफ्तार

उद्धव ठाकरे का काफिला जांच चौकी पर रोका, चुनाव प्रचार को गए थे बेटे के साथ

अगला लेख
More