नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों के मुखर विरोध से उत्पन्न संकट के समाधान के इरादे से प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने मंगलवार को इन चारों न्यायाधीशों से मुलाकात की। इन न्यायाधीशों ने संवदेनशील प्रकृति वाली जनहित याचिकाओं को सुनवाई के लिए आवंटन सहित अनेक गंभीर आरोप लगाए थे।
शीर्ष अदालत के सूत्रों ने बताया कि प्रधान न्यायाधीश ने सवेरे न्यायालय का कामकाज शुरू होने से पहले न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ से करीब 15 मिनट तक मुलाकात की।
सूत्रों के अनुसार, इस मुलाकात के दौरान कई अन्य न्यायाधीश भी उपस्थित थे। इस मुलाकात के बाद प्रधान न्यायाधीश और चारों न्यायाधीश अपने काम के लिए चले गए। इन न्यायाधीशों द्वारा 12 जनवरी को अप्रत्याशित कदम उठाते हुए की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस से उत्पन्न संकट के समाधान को लेकर बार काउंसिल ऑफ इंडिया और उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन कल काफी आशान्वित थी, परंतु ऐसा लगता है कि प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ शिकायतों को लेकर विवाद का समाधान अभी दूर ही है।
चारों न्यायाधीशों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि कुछ मुद्दे उच्चतम न्यायालय को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इससे पहले, अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सवेरे कहा, मैं समझता हूं कि इसका (संकट का) समाधान अभी नहीं हुआ है। हम उम्मीद करते हैं कि दो तीन दिन के भीतर यह पूरी तरह सुलझ जाएगा।
उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने भी उम्मीद व्यक्त की कि इस सप्ताह के अंत तक संकट का हल हो जाएगा। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने कल कहा था कि कहानी खत्म हो गई है और अब कोई विवाद नहीं है। (भाषा)