साल 2017 में जिस गैंगस्टर आनंद पाल का एनकाउंटर हो गया, उसकी मौत पर आज भी क्‍यों मचा है बवाल?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
गुरुवार, 25 जुलाई 2024 (17:30 IST)
Story of Anand Pal Singh Encounter : आनंदपाल लिकर किंग बनना चाहता था, जिसके कारण विरोधी गैंग से उसकी लड़ाई होती रहती थी। बीकानेर जेल में 2015 में उसका गैंगवार हुआ था जिसमें उसे भी गोली लगी थी। आनंदपाल राजस्थान के अपराध जगत में हथियारों और खून-खराबे के सहारे पहले नंबर पर आना चाहता था।

राजस्थान के नागौर जिले की लाडनूं तहसील के एक छोटे से गांव का रहने वाला आनंदपाल मर्डर, लूट, वसूली और गैंगवार के करीब 24 मामलों में शामिल था। जानते हैं कौन था आनंद पाल जिसकी मौत के इतने सालों बाद आज भी बवाल मचा है।

आनंदपाल एनकाउंटर में नया मोड़ : गैंगस्‍टर आनंद पाल सिंह का एनकाउंटर साल 2017 में हुआ था। लेकिन राजस्थान के चर्चित आनंदपाल सिंह एनकाउंटर केस में अब जाकर एक नया मोड़ सामने आया है। इस मामले में अब ACJM सीबीआई कोर्ट ने पुलिस के खिलाफ ही संज्ञान लिया है। यह वह पुलिसकर्मी हैं जो आनंदपाल सिंह एनकाउंटर में शामिल थे। वहीं कोर्ट की ओर से CBI की क्लोजर रिपोर्ट को भी खारिज कर दिया है। जिस पर कोर्ट ने कुछ सवाल भी खड़े किए हैं। इसके बाद कोर्ट ने एनकाउंटर में शामिल 5 पुलिसकर्मियों के खिलाफ धारा 302 के तहत मुकदमा चलाने और जांच के आदेश दिए हैं। बता दें, आनंदपाल सिंह का एनकाउंटर साल 2017 में हुआ था। जबकि इस एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए परिवार की ओर से केस दर्ज करवाया गया था।

एनकाउंटर को किया था चैलेंज: दरअसल, आनंदपाल की पत्नी राजकंवर और रुपिंदर सिंह की ओर से वकील भंवर सिंह राठौड़ ने कोर्ट में फर्जी एनकाउंटर को लेकर चैलेंज किया था। वहीं सीबीआई ने इस मामले में कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट सौंपी थी। साथ ही इसमें कोई फर्जी एनकाउंटर को लेकर एविडेंस नहीं होने की बात कही गई थी। हालांकि मौका-ए-वारदात का नक्शा पेश नहीं किये जाने पर कोर्ट ने आदेश दिया था।

राजपूत नहीं मानते थे आनंद पाल को : आनंदपाल के गांव के दबंग उसको राजपूत नहीं मानते थे, क्योंकि वो दारोगा यानी रावणा राजपूत था। इस जाति के लोगों को आज भी निचले तबके का माना जाता है। यही कारण था कि जब आनंदपाल की बरात घोड़ी पर निकलने के लिए तैयार हुई तो काफी बवाल हुआ।

कौन था आनंदपाल: आनंदपाल सिंह राजस्थान के नागौर जिले की लाडनूं तहसील के छोटे से गांव का था। जिस पर हत्या, लूट, वसूली और गैंगवार के करीब 24 मामले दर्ज थे। बताया जाता है कि वह अपराध की दुनिया का किंग बनना चाहता था। इस वजह से उसकी विरोधियों के साथ गैंगवार होती रही। बताया जाता है कि साल 2006 में उसने अपराध की दुनिया में प्रवेश किया। जब उसने डीडवाना में जीवनराम गोदरा की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद सीकर में हुए गोपाल फोगावट हत्याकांड में भी उसका हाथ बताया जाता है।

2017 में क्‍या हुआ था सांवराद में : 24 जून 2017 को चूरू के मालासर गांव में एसओजी ने आनंदपाल का एनकाउंटर किया था। राजपूत समाज से जुड़े संगठनों ने इस एनकाउंटर पर सवाल खड़े किए थे। एनकाउंटर के बाद आनंदपाल का शव उसके पैतृक गांव सांवराद में लाया गया था और परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया था, लेकिन परिजनों ने इस एनकाउंटर को फर्जी बताया था और आनंदपाल का दाह संस्कार करने से मना कर दिया था। करीब तीन सप्ताह तक आनंदपाल के शव को डीप फ्रीजर में रखा गया था। हालांकि, इसके बाद आनंद पाल के शव का दाह संस्कार कर दिया गया था।

श्रद्धांजलि सभा में भड़की थी हिंसा : इस घटना के बाद सांवराद में राजपूत समाज के हजारों लोग आनंदपाल को श्रद्धांजलि देने के लिए जुटे थे। देखते ही देखते श्रद्धांजलि सभा हिंसक प्रदर्शन में बदल गई। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई इस झड़प में कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पुलिस की एक गाड़ी भी फूंक दी थी। इसके बाद हिंसा को देखते हुए कुछ जिलों में इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई थी। उग्र लोगों ने सांवराद रेलवे स्टेशन पर न सिर्फ रेलवे ट्रैक को उखाड़ दिया, बल्कि बुकिंग काउंटर पर भी तोड़फोड़ और आगजनी की थी। भीड़ ने नागौर के एसपी परिस देशमुख की गाड़ी को भी आग लगा दी। यही नहीं उत्पाती लोगों ने दो पुलिसकर्मियों के हथियार भी छीन लिए। इस दौरान पुलिस की एक महिला अधिकारी लापता हो गई थी, जबकि इस पूरे हुड़दंग में एक व्यक्ति की भी मौत हो गई थी और 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए थे।

आनंद पाल की अपराध की लिस्‍ट
-सीकर में हुए गोपाल फोगावट हत्याकांड में भी उसी का हाथ बताया जाता है। ये मामला विधानसभा में उठा था।
-जून, 2011 में उसने बीकानेर के सुजानगढ़ में भोजलाई चौराहे पर गोलीबारी की थी। तीन लोग घायल हुए थे। आरोप था कि उसी दिन उसने गनौड़ा जगह में शराब ठेके पर सेल्समैन के भाई को मार दिया।
-पहले वह बीकानेर और फिर अजमेर जेल में बंद था। 3 सितंबर 2015 को आनंदपाल और उसके साथी सुभाष मूंड की नागौर कोर्ट में पेशी थी। पुलिस वैन में उसे फिर अजमेर सेंट्रल जेल लाया जा रहा था।
-आनंदपाल ने लौटते हुए पुलिस वालों को मिठाई खिलाई जिससे उन्हें नशा आ गया। आगे उसके साथियों ने सड़क रोक ली और गोलियां चलाते हुए उसे भगाकर ले गए। इसमें एक पुलिसकर्मी मारा गया था।
Edited By: Navin Rangiyal

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