अटल बिहारी बाजपेई के बाद कल्याण सिंह को सुनने के लिए उमड़ती थी भीड़...

अवनीश कुमार
रविवार, 22 अगस्त 2021 (09:25 IST)
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लिए आज का दिन राजनीतिक रूप से बेहद दुख भरा दिन है और बेहद सरल सौम्य स्वभाव के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह अब हमारे बीच नहीं रहे। उनके अंतिम दर्शन करने के लिए सभी पार्टी के राष्ट्रीय नेता से लगाकर कार्यकर्ता तक पहुंच रहे हैं। राम मंदिर आंदोलन के महानायक अब इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं पर कुछ ऐसी यादें हैं जो पूरे जीवन हर एक व्यक्ति को उनकी याद दिलाता रहेगा।
 
वरिष्ठ पत्रकार रामकुमार की माने तो अटल बिहारी वाजपेई के बाद अगर जनता किसी को सुनना चाहती थी, वह पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह थे। इनकी सभाओं में कभी भी भीड़ को इकट्ठा करने के लिए कार्यकर्ताओं को जद्दोजहद नहीं करनी पड़ी और जब वह मंच पर खड़े होते थे तो कार्यकर्ताओं के साथ-साथ आम लोग भी उन्हें बहुत ध्यान पूर्वक सुनते थे।

ऐसा ही एक किस्सा वरिष्ठ पत्रकार रामकुमार ने बताते हुए कहा कि बात 1977 के लोकसभा चुनाव की है। तत्कलीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे स्व. संजय गांधी अमेठी से चुनाव लड़ रहे थे। उनके मुकाबले पर जनता पार्टी ने जनसंघ से जुड़े रवींद्र प्रताप सिंह जिन्हें शेरे अमेठी का खिताब मिला हुआ था उन्हें मैदान में उतारा था।

रवींद्र प्रताप पहलवान थे और सुलतानपुर के फौजदारी के टॉप लॉयर थे। चुनाव के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह रामप्रकाश गुप्ता के साथ इस चुनाव में सुलतानपुर पहुंचे थे। वो यहां शहर के चौक स्थित पूर्व विधायक डॉ. जितेंद्र अग्रवाल के घर ठहरे थे।

इस दौरान अपने प्रत्याशी को चुनाव जिताने के लिए उन्होंने कई नुक्कड़ सभाओं के साथ- साथ बड़ी सभाओं में जनता को संबोधित किया। हालात कुछ इस कदर थे नवयुवक होने के बाद भी उनको सुनने के लिए आए लोगों की भीड़ इतनी एकत्र हो गई थी। उसको संभालने के लिए पुलिस वालों के हाथ पैर फूल गए।

कई बार मंच से खुद पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को शांति बनाए रखने की अपील करनी पड़ी तब जाकर कहीं क्षेत्रीय जनता बिना किसी शोर-शराबा के उन्हें सुनती रहे जिसका नतीजा यह रहा कि अपने गढ़ अमेठी में गांधी परिवार को पहली बार हार का सामना करना पड़ा और वही रविंद्र प्रताप सिंह ने 75 हजार से ज्यादा मतों से जीत दर्ज की थी।

वरिष्ठ पत्रकार ने बताया कि धीरे धीरे उत्तर प्रदेश के अंदर जहां जहां पर कल्याण सिंह की सभाएं लगती थी वहां वहां पर पुलिस को बेहद मजबूत व्यवस्था करनी पड़ती थी क्योंकि अटल बिहारी वाजपेई के बाद जनता अगर किसी को उत्तर प्रदेश के अंदर सुनना चाहती थी तो वह पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ही होते थे और उसके पीछे की मुख्य वजह उनका सरल स्वभाव माना जाता था।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

tirupati laddu पर छिड़ी सियासी जंग, पशु चर्बी के दावे पर तेदेपा-वाईएसआरसीपी आमने-सामने

Kolkata Doctor Case : जूनियर डॉक्‍टरों ने खत्‍म की हड़ताल, 41 दिन बाद लौटेंगे काम पर

कटरा चुनावी रैली में कांग्रेस-नेकां पर गरजे PM मोदी, बोले- खून बहाने के पाकिस्तानी एजेंडे को लागू करना चाहता है यह गठबंधन

Mangaluru : 2 सिर और 4 आंख वाला दुर्लभ बछड़ा पैदा हुआ, देखने के लिए उमड़ा हुजूम

वन नेशन वन इलेक्शन में दक्षिण भारत पर भारी पड़ेगा उत्तर भारत?

सभी देखें

नवीनतम

गृहमंत्री अमित शाह ने बताई नक्सलवाद को खत्म करने की डेडलाइन

Bengal Flood : ममता बनर्जी ने बाढ़ को बताया साजिश, PM मोदी को लिखा पत्र, दी यह चेतावनी

Tirupati Laddu Controversy : जेपी नड्डा ने CM चंद्रबाबू से मांगी रिपोर्ट, बोले- जांच के बाद होगी उचित कार्रवाई

इस बार कश्मीर के चुनाव मैदान में हैं 25 पूर्व आतंकी, अलगाववादी और जमायते इस्लामी के सदस्य

300 साल पुरानी भोग प्रथा, 2014 में मिला GI टैग, अब प्रसाद में पशु चर्बी, क्‍या है Tirupati Controversy?

अगला लेख
More