इंदौर में हर महीने जासूसी के 100 केस, MP में लिव इन और एक्‍स्‍ट्रा मैरिटल अफेयर्स में लोग अपनों की करा रहे जासूसी

नवीन रांगियाल
ग्राफिक्‍स : सारंग क्षीरसागर
Spying in Relationship in Indore: जहां प्‍यार है, वहां संबंध है, इनसिक्‍योरिटी (असुरक्षा), पजेसिवनेस और लालच भी है। इन रिश्‍तों में एक तरफ जहां भरोसा है तो दूसरी तरफ धोखा और बेवफाई भी है। वैसे तो ऊपर वाला सब देख रहा है कि रिश्‍तों में कौन सच्‍चा और कौन झूठा है। लेकिन नीचे भी एक नजर है, जो सब पर अपनी नजर बनाए हुए है। इस नजर को कहते हैं ‘जासूसी’ या अपने पार्टनर पर शक का कीड़ा। तकनीक के इस दौर में शका ये कीड़ा बढ़ता ही जा रहा है।

जी हां, तमाम रिश्‍तों, इश्‍क-मुहब्‍बत, लिव इन रिलेशन और यहां तक कि पति- पत्‍नी तक की जिंदगी में अब जासूसों ने एंट्री कर ली है। यूं तो जासूसी दुश्‍मन देशों की खुफिया जानकारी के लिए की जाती है, लेकिन अब यह पति-पत्‍नी,प्रेमी- प्रेमिकाओं, लिव इन पार्टनर्स और यहां तक कि बच्‍चों की जिंदगी में भी घुस गई है। दरअसल, इन दिनों एक्‍स्‍ट्रा मैरिटल अफेयर्स के मामलों में इजाफा हुआ है। तमाम तरह के डैटिंग ऐप आने से रिश्‍तों में शक का कीड़ा भी बड़ा होता जा रहा है। ज्‍यादातर लोग डेटिंग ऐप्‍स के जरिये अपने लिए पार्टनर तलाश रहे हैं, जिसकी वजह से इन दिनों जासूसों का काम बढ़ गया है।

मध्‍यप्रदेश में बढ़ रहे जासूसी के मामले : वेबदुनिया ने इंदौर में संचालित हो रही जासूसी एजेंसियों से संपर्क किया तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए। एजेंसियों के मुताबिक इंदौर समेत मध्‍यप्रदेश में अपनों की जासूसी कराने के मामलों में उल्‍लेखनीय इजाफा हुआ है। हालात यह है कि किसी को किसी पर भरोसा ही नहीं रहा, सभी एक दूसरे की जासूसी करा रहे हैं। जासूसी में सबसे ज्‍यादा उछाल मेट्रीमोनियल, प्री- मेट्रीमोनियल और पोस्‍ट मेट्रीमोनियल मामलों में आया है। यानी शादी के पहले,शादी के बाद, प्‍यार और एक्‍सट्रा मैरिटल अफेयर्स के मामलों में जमकर पार्टनर्स एक दूसरे ही जासूसी करवा रहे हैं।

जासूसी के हर महीने 100 से ज्‍यादा केस : इंदौर में सूर्यसारथी इंटेलिजेंस एंड सिक्‍योरिटी सर्विस के डायरेक्‍टर एम तोमर के मुताबिक पिछले सालों की तुलना में इंदौर ही नहीं पूरे मध्‍यप्रदेश में रिश्‍तों में जासूसी कराने का चलन बढ़ा है। तोमर बताते हैं कि इंदौर में सिर्फ उन्‍हीं की डिटेक्‍टिव एजेंसी में हर महीने 25 से 30 केस जासूसी करवाने के लिए आ रहे हैं। उन्‍होंने बताया कि इंदौर में कुल 3 रजिस्‍टर्ड डिटेक्‍टिव एजेंसियां हैं, ऐसे में सब को मिलाकर 100 से ज्‍यादा केस जासूसी कराने के लिए इन एजेंसियों से लोग मिल रहे हैं। इनके अलावा 50 से ज्‍यादा फ्री-लॉन्‍सर जासूस काम कर रहे हैं, उनके मामले शामिल कर लिए जाए तो संख्‍या बहुत हो जाती है।

पूरे मध्‍यप्रदेश में बढ़ा जासूसी का ट्रेंड : इंदौर की डिटेक्‍टिव एजेंसियों के विशेषज्ञों ने बताया कि इंदौर ही नहीं, बल्‍कि राजधानी भोपाल, जबलपुर, ग्‍वालियर समेत प्रदेश के दूसरे शहरों में भी यह चलन बढ़ा है। जानकार बताते हैं कि इंदौर और भोपाल समेत इन शहरों में दिल्‍ली, मुंबई की डिटेक्‍टिव एजेंसियां और कई फ्री-लॉन्‍सर जासूस काम कर रहे हैं।

इंदौर में टॉप लायर्स हायर कर रहे डिटेक्‍टिव्‍स : इंदौर की बात करे तो कई ऐसे टॉप लॉयर्स यानी एडव्‍होकेट अपने क्‍लाइंट के लिए जासूसी सेवाएं ले रहे हैं, ताकि अपने क्‍लाइंट के पक्ष में सबूत जमा किए जा सके और केस जीता जा सके। कुछ टॉप के जासूसों ने वेबदुनिया को बताया कि हाई कोर्ट के कई बड़े वकील अक्‍सर हाई प्रोफाइल मामलों में जासूसी सेवाएं ले रहे हैं।

एक्‍ट्रा मैरिटल अफेयर्स में जासूसी सबसे ऊपर : जैसा कि शक था जासूसी का सबसे ज्‍यादा इस्‍तेमाल एक्‍ट्रा मैरिटल अफेयर्स के मामलों में हो रहा है। सूर्यसारथी इंटेलिजेंस के डायरेक्‍टर एम तोमर ने बताया कि नौकरी के चलते कई पति– पत्‍नी अलग अलग शहरों में रहते हैं, ऐसे में पति पत्‍नी पर और पत्‍नी पति पर शक कर रह रहे हैं। उन्‍होंने बताया कि ज्‍यादातर जासूसी पति और पत्‍नी एक दूसरे की ही करा रहे हैं। यह जासूसी बार बार कॉल करने पर भी रिसीव नहीं करने, मैसेज नहीं देखने और बार- बार मीटिंग में होने की बात करने पर शुरू हो रही है। पत्‍नियां जासूसों के पास आती हैं और कहती हैं मुझे पति पर शक है, आप कन्‍फर्म कीजिए।

सोशल मीडिया और जिम में अफेयर : कई पति और पत्‍नियां जासूसों के पास इसलिए पहुंच रहे हैं कि उनके पार्टनर्स का सोशल मीडिया में अफेयर चल रहा है, या पत्‍नी का जिम ट्रेनर के साथ अफेयर चल रहा है। उन्‍हें शक है, इसलिए पता लगाना है। कुछ मामले किडनैपिंग, मिसिंग पर्सन और मर्डर के मामलों में आते हैं, हालांकि इनमें ज्‍यादातर केस पुलिस खुद हैंडल करती है। जबकि कुछ मामले सायबर क्राइम और बिजनेस कॉर्पोरेट से जुड़े आते हैं।

इंदौर में मां-बाप करा रहे बच्‍चों की जासूसी : इंदौर में माता पिता अपने बच्‍चों की जासूसी डिटेक्‍टिव से करा रहे हैं। बाहर से आने वाले बच्‍चे और देर रात क्‍लब, डिस्‍को थेक में जाने वाले बच्‍चों को लेकर मां बाप यह पड़ताल कर रहे हैं कि कहीं उनके बच्‍चे किसी अवैध और क्रिमिनल गतिविधि में इन्‍वॉल्‍व तो नहीं है या फिर ड्रग या किसी तरह का नशा तो नहीं कर रहे हैं।

धारा 125 के मामले में जासूसी : इस मामले में अक्‍सर पत्‍नियां अपने पति पर धारा 125 का इस्‍तेमाल कर भरण पौषण के लिए भत्‍ते की मांग करती हैं। उनका कहना होता है कि पति की सैलरी ज्‍यादा है तो उन्‍हें भी मेंटेनेंस दिया जाए। कई बार पत्‍नियां साथ रहते हुए ये मांग करती हैं, ऐसे में पति सबूतों के लिए पत्‍नी की मासिक आय और उनके नौकरी नहीं करने के झूठे दावों का खुलासा करने के लिए जासूसी करवा रहे हैं। ऐसे कई मामले उनके पास हैं।

95 प्रतिशत शक के मामले सही : हैरानी की बात यह है कि शक के ज्‍यादातर मामले सही निकल रहे हैं। तोमर बताते हैं कि मीडिल क्‍लास की तरफ से जासूसी के मामलों में की जा रही पड़ताल में 95 प्रतिशत शक के मामले सही साबित हो रहे हैं। उन्‍होंने बताया कि इस दौर में मीडिल क्‍लास के मामले आ भी ज्‍यादा रहे हैं, जबकि पहले हाई प्रोफाइल परिवारों से लोग जासूसी कराने के लिए एजेंसियों के पास आते थे।

20 हजार से 5 लाख तक फीस : एक जासूसी एजेंसी के संचालक ने वेबदुनिया को बताया कि फीस सर्विलिआंस सर्विस पर निर्भर करती है। 20 हजार से लेकर 5 लाख तक फीस हो जाती है। कुछ मामलों में कई शहरों में वीजिट करना होता है। मसलन, पति इंदौर में और पत्‍नी बैंगलोर में हो तो वहां जाना, ठहरना, उन्‍हें फॉलो करना, ट्रैक करना और तकनीक की मदद से सबूत जुटाने में खर्च होता है, ऐसे में फीस भी बढ़ जाती है। वहीं कोई एक दिन की जासूसी कराता है तो एक दिन का सर्विलिआंस चार्ज 3 हजार रुपए तक है।

डेटिंग ऐप्‍स पर पार्टनर की खोज : भारत में डेटिंग ऐप्स की वजह से भी रिश्‍तों में शक का कीडा लगातार बडा होता जा रहा है। भारत में जो डेटिंग ऐप्स बेहद लोकप्रिय हैं, उनमें सबसे पहले टिंडर (Tinder) है। शुरुआत में टिंडर (Tinder) ज्यादा पॉपुलर नहीं हुआ, क्योंकि इसमें हाई-प्रोफाइल लोगों की भागीदारी ज्यादा थी, लेकिन अब टिंडर पर भारतीय यूजरों की कोई कमी नहीं है। इसी तरह बंबल (bumble) और ट्रूली मैडली (truly madly) डेटिंग ऐप्स भारत में सबसे लोकप्रिय डेटिंग ऐप्स हैं। इसके अलावा facebook ने भी डेटिंग के लिए अलग से सुविधा दी है। HiHi, Happn, Dil-Mil, aisle, Match.com, OkCupid, Hinge, Badoo, Flip, Coffee Meets Bagel जैसे डेटिंग ऐप पर भी लोग पार्टनर्स खोज रहे हैं।

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