कश्मीर पुलिस की चेतावनियों को गंभीरता से नहीं लेने का परिणाम था पुलवामा हमला

सुरेश एस डुग्गर
मंगलवार, 14 फ़रवरी 2023 (09:59 IST)
जम्मू। इसे लापरवाही कहा जाए या फिर कुछ और की जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा आतंकी हमलों के अंदेशे की दी जाने वाली पूर्व चेतावनियों व सूचनाओं को आखिर क्यों अन्य सुरक्षाबलों ने हमेशा से हलके से लिया जाता रहा है। यह अब साबित हो चुका है कि कश्मीर पुलिस की चेतावनियों को गंभीरता से नहीं लेने का परिणाम था पुलवामा हमला।
 
2019 में पुलवामा हमले से 6 दिन पहले कश्मीर पुलिस कंट्रोल रूम में तैनात एसएसपी ने उन सभी सुरक्षाबलों को एक लिखित मैसेज भेज कर चेताया था जो हाईवे तथा कश्मीर की अन्य सड़कों का इस्तेमाल आवाजाही के लिए करते थे। मैसेज में आतंकियों द्वारा आईईडी द्वारा विस्फोट कर नुक्सान पहुंचाने की सूचनाएं मिलने की चेतावनी थी।
 
यह मैसेज मोस्ट अर्जेंट था। इसे सेना, बीएसएफ, एयरफोर्स, आईटीबीपी, केरिपुब समेत उन सभी सुरक्षाबलों के लिए था जो कश्मीर में आतंकवादरोधी अभियानों में लिप्त थे, के लिए जारी किया गया था। आप जानना चाहते हैं इस मैसेज का क्या हुआ था। वही जो जनवरी 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले से पहले दी गई चेतावनी का हुआ था। इसे भी रद्दी की टोकरी में फैंक दिया गया। और नतीजा सबके सामने था।
 
पुलवामा के हमले के बाद पठानकोट हमला भी कई महीनों तक चर्चा रहा। चर्चा यह थी कि क्या पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले की पूर्व जानकारी जम्मू कश्मीर पुलिस ने भी पहले ही दी थी? क्या उनकी चेतावनी को गंभीरता से लिया गया था? फिलहाल इन सवालों के जवाब आज तक नहीं आए हैं पर जम्मू कश्मीर पुलिस आज भी कहती है कि उसने 12 घंटे पहले पंजाब पुलिस को संभावित हमले की चेतावनी दी थी।
 
जम्मू कश्मीर पुलिस के खुफिया विभाग के कुछ अधिकारी अभी भी दावा करते हैं कि करीब 12 घंटे पहले उन्होंने पंजाब पुलिस के अधिकारियों को ऐसी चेतावनी दी थी। इस चेतावनी में यह कहा गया था कि करीब 6 अनजान लोगों ने घुसपैठ की है और वे पंजाब में कुछ बड़ा कर सकते हैं।
 
इतना जरूर था कि यह कोई पहली बार नहीं था कि जम्मू कश्मीर पुलिस की सूचनाओं को हल्के तौर पर लेते हुए नजरअंदाज किया गया था। दिल्ली समेत देश के कई अन्य हिस्सों में होने वाले बम विस्फोटों, संसद पर होने वाले हमले से पहले भी, जम्मू कश्मीर पुलिस तथा उसके खुफिया विंग का दावा था कि पूर्व सूचनाएं शेयर की गई थी पर उन्हें न सिर्फ हल्के से लिया गया बल्कि नजरअंदाज भी कर दिया गया। उनका कहना था कि उन्हें यह जानकारियां या तो मारे गए आतंकियों के कब्जे से बरामद दस्तावेजों या फिर पकड़े जाने वाले आतंकियों से पूछताछ के दौरान या फिर पकड़े जाने वाले वायरलेस संदेशों से मिलती रही हैं।
 
हालांकि वे भी इसे मानते हैं कि उनके द्वारा एकत्र की गई तथा बांटी गई सभी जानकारियां या फिर चेतावनियों में सच्चाई नहीं होती पर वे किसी भी चेतावनी या जानकारी को हल्के तौर पर लेने का खतरा मोल नहीं ले सकते हैं। पर इतना जरूर था कि जम्मू कश्मीर पुलिस तथा उसके खुफिया विंग द्वारा अन्य राज्यों की पुलिस को मुहैया करवाई गई सूचनाओं से कई आतंकियों की गिरफ्तारियां भी हुई हैं और कई आतंकी हमलों को नाकाम करने में कामयाबी भी मिल चुकी है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

PAN 2.0 Project : अब बदल जाएगा आपका PAN कार्ड, QR कोड में होगी पूरी कुंडली

तेलंगाना सरकार ने ठुकराया अडाणी का 100 करोड़ का दान, जानिए क्या है पूरा मामला?

Indore : सावधान, सरकारी योजना, स्कीम और सब्सिडी के नाम पर खाली हो सकता है आपका खाता, इंदौर पुलिस की Cyber Advisory

क्‍या एकनाथ शिंदे छोड़ देंगे राजनीति, CM पर सस्पेंस के बीच शिवसेना UBT ने याद दिलाई प्रतिज्ञा

संभल विवाद के बीच भोपाल की जामा मस्जिद को लेकर दावा, BJP सांसद ने शिव मंदिर होने के दिए सबूत

सभी देखें

नवीनतम

तमिलनाडु के कई हिस्सों में भारी बारिश, कुछ जिलों में स्कूल-कॉलेज बंद, चक्रवात तूफान की आशंका, NDRF तैनात

कर्नाटक मंत्रिमंडल में होगा फेरबदल, डिप्टी सीएम शिवकुमार ने दिया संकेत

पाकिस्तान में गृह युद्ध जैसे हालात, सेना से भिड़े इमरान खान के समर्थक, 6 की मौत, 100 से अधिक घायल

कांग्रेस का केंद्र सरकार पर अल्पसंख्यकों को दोयम दर्जे के नागरिक बनाने की साजिश का आरोप

Sambhal Violence: संभल हिंसा, SP नेता का आरोप- बरामद हथियारों से गोली चलाती है UP पुलिस

अगला लेख
More