जरूरी नहीं कि किसी के पास बहुत सारा पैसा हो या फिर ज्यादा वेतन हो तो व्यक्ति ईमानदार ही हो। Paytm ब्लैकमेलिंग मामले में तीन लोगों की गिरफ्तारी तो इसी ओर इशारा करती है। दरअसल, Paytm के जिन तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया उनमें सोनिया धवन नामक एक महिला भी शामिल है। सोनिया का सालाना वेतन 85 लाख रुपए था, लेकिन पैसे की हवस ने उसे क्या से क्या बना दिया।
जनवरी 2010 में पेटीएम से जुड़ने वाली सोनिया ने Paytm के संस्थापक विजय शेखर शर्मा की सेक्रेटरी के रूप में 7 लाख सालान वेतन से शुरुआत की थी। उनकी तरक्की का ग्राफ लगातार ऊपर उठता गया और उसका वेतन 7 लाख से बढ़कर 85 लाख सालाना तक पहुंच गया। साथ ही उसे हाल ही में वाइस प्रेसीडेंट भी बना दिया गया था।
यह है आरोप : सोनिया धवन, उनके पति रूपक जैन एवं Paytm के ही एक अन्य कर्मचारी देवेन्द्र कुमार पर विजय शेखर का निजी डाटा लीक कर ब्लैकमेलिंग करने का आरोप है। इसके बदले में तीनों आरोपियों ने विजय से 20 करोड़ रुपए की फिरौती भी मांगी थी। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस के मुताबिक ब्लैकमेलिंग की पूरी योजना को इन तीनों ने ही अंजाम दिया था। इतना ही नहीं, जब विजय के पास फिरौती का कॉल आया तो सोनिया ने सलाह दी मामले को न बिगाड़ते हुए पैसा दे देना चाहिए। शुरुआती जांच में सामने आया है कि सोनिया ने ही देवेन्द्र के साथ मिलकर विजय के लैपटॉप से डेटा लीक किया था। पुलिस ने आरोपियों से एक हार्डडिस्क भी जब्त की है, जिसमें कंपनी का महत्वपूर्ण डाटा बताया जा रहा है।
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि फिरौती मांगने वाले व्यक्ति को सोनिया ही लगातार बता रही थी कि क्या कहना है, साथ ही अपने बॉस विजय को भी पैसे देने के लिए राजी कर रही थी। इस बारे में विजय ने भी पुलिस को बताया कि सोनिया लगातार कह रही थी कि अभी पेमेंट कर दीजिए आप, क्या पता कैसा डेटा हो। गिरफ्तारी तीन लोगों की हुई है, जबकि कॉल करने वाला चौथा व्यक्ति था।
पुलिस के मुताबिक तीनों आरोपी करोड़ों रुपए की एक प्रॉपर्टी खरीदने के लिए मोलभाव कर रहे थे, लेकिन इनके पास पास इतना पैसा नहीं था। इस बीच, कोर्ट ने तीनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।