बर्फबारी के आगोश में श्रीनगर, बारिश की संभावना, पर्यटक ले रहे मौसम का आनंद
, गुरुवार, 7 फ़रवरी 2019 (13:20 IST)
श्रीनगर/जम्मू। जम्मू कश्मीर में श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग बंद रहने और क्षेत्र में भारी हिमपात के चलते यहां हवाईअड्डे पर विमान सेवाएं बाधित रहने के कारण कश्मीर बृहस्पतिवार को दूसरे दिन भी देश के शेष हिस्सों से कटा रहा।
श्रीनगर में अधिकारियों ने बताया कि घाटी और जम्मू कश्मीर के ऊंचे इलाकों में पिछले 24 घंटे में भारी हिमपात हुआ। भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण के एक अधिकारी ने कहा, श्रीनगर हवाईअड्डे पर पहुंचने वाली 31 उड़ानों में से अभी तक खराब दृश्यता और भारी हिमपात के कारण 18 को रद्द कर दिया गया।
उन्होंने बताया कि अगर मौसम की परिस्थितियों में कोई सुधार नहीं हुआ तो श्रीनगर हवाईअड्डे पर अन्य उड़ानों का आगमन भी रोक दिया जाएगा। हिमपात के कारण बुधवार को श्रीनगर हवाईअड्डे से किसी भी विमान ने उड़ान नहीं भरी और ना ही कोई विमान उतरा।
जम्मू कश्मीर में यातायात और पुलिस अधिकारियों ने बताया कि रामबन जिले में जवाहर सुरंग और पटनीटॉप इलाकों में बर्फ एकत्रित हो जाने और चार ताजा भूस्खलन के कारण दूसरे दिन भी श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग बंद रहा। रामबन जिले में बुधवार को राजमार्ग पर एक वाहन के बोल्डर से टकराने से कम से कम 12 लोग घायल हो गए थे।
अधिकारियों ने बताया कि जवाहर सुरंग और बनिहाल इलाकों में लगातार हिमपात हो रहा है। इन इलाकों में 14 से 16 इंच तक बर्फ जमा हो गई है। उन्होंने बताया कि रामबन में भारी हिमपात के कारण मरोग, बैटरी चश्मा, अनोखी फॉल और पंथल इलाकों में भूस्खलन और पत्थर गिरने की घटनाएं हो रही हैं।
यातायात विभाग के एक अधिकारी ने कहा, सुरंग के दोनों ओर बर्फ एकत्रित हो जाने और कई स्थानों पर बारिश के कारण हूए भूस्खलन की वजह से राजमार्ग पर यातायात रोक दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि सीमा सड़क संगठन राजमार्ग से मलबा हटाने का काम कर रहा है। खराब मौसम के कारण सड़क साफ करने का काम बाधित हो रहा है।
उन्होंने बताया कि एक बार जब मौसम में सुधार आएगा तो राजमार्ग पर यातायात बहाल करने के प्रयास किए जाएंगे। कश्मीर में भारी हिमपात के कारण बड़ी संख्या में लोग घरों के भीतर रहने के लिए मजबूर हैं जबकि शहर और घाटी के अन्य शहरों में सड़कों पर फिसलन के कारण यातायात बंद है। भारी हिमपात के कारण बिजली की लाइनें भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं जिससे बिजली विकास विभाग को प्रभावित इलाकों में बिजली आपूर्ति रोकनी पड़ी।
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