Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

सिमी मुठभेड़ : मुख्यमंत्री ने न्यायिक जांच का आदेश दिया

हमें फॉलो करें सिमी मुठभेड़ : मुख्यमंत्री ने न्यायिक जांच का आदेश दिया
भोपाल , शुक्रवार, 4 नवंबर 2016 (21:50 IST)
भोपाल। केंद्रीय कारागार से भागे सिमी के आठ व्यक्तियों की विवादस्पद पुलिस कार्रवाई में मौत के आठ दिन बाद मध्यप्रदेश सरकार ने विपक्ष की मांग पर इस सनसनीखेज मामले की न्यायिक जांच का आदेश दिया है
कल देर रात यहां जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने जांच का आदेश दिया है। यह जांच उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त जज न्यायमूर्ति एसके पांडेय द्वारा की जाएगी।
 
इसमें कहा गया कि न्यायमूर्ति पांडे सिमी कार्यकर्ताओं के अति सुरक्षा वाली जेल से भागने और इसके बाद मुठभेड़ के सभी पहलुओं की जांच करेंगे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस मुठभेड़ से जुड़ी बातचीत के बारे में कथित आडियो टेप भी इस जांच का हिस्सा होगा।
 
सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस टेप में डयू्टी पर तैनात पुलिसकर्मियों को कंट्रोल रूम से ‘उन्हें उड़ाने’ का निर्देश मिल रहा है और कहा गया ‘खेल खत्म हो गया।’यह कथित बातचीत मुठभेड़ के दिन हुई और इसे रिकार्ड कर सोशल मीडिया पर डाल दिया गया।
 
राज्य सरकार ने इससे पहले सीआईडी अधिकारियों वाली एक एसआईटी से मुठभेड़ की जांच कराने और कैदियों द्वारा जेल तोड़कर भागने की घटना की अलग से जांच पूर्व पुलिस महानिदेशक नंदन दूबे से कराने की घोषणा की थी। लेकिन कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां न्यायिक जांच की मांग करती रहीं। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री भूपेन्दर सिंह ने आज कहा कि पांडेय जेलों में सुरक्षा बढ़ाने पर भी अपनी सिफारिशें देंगे।
 
चौहान की अगुवाई वाली भाजपा सरकार ने इस पुलिस कार्रवाई का पुरजोर बचाव किया और विपक्ष पर इस मुद्दे को ‘राजनीतिक और सांप्रदायिक रंग देने’ का आरोप लगाया है। पार्टी ने कहा कि चूंकि राज्य सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है, इसलिए न्यायिक जांच का आदेश दिया गया है।
 
भाजपा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने कहा कि मैं नहीं लगता कि किसी जांच की जरूरत है , लेकिन चूंकि शिवराज चौहान के पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है, इसलिए वह न्यायिक जांच पर राजी हुए। जांच की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता जेपी धनोपिया ने कहा कि इस मुद्दे पर पहले ही दिन से हमारा रख स्पष्ट है कि यह जांच उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश द्वारा की जानी चाहिए। 
 
यही मांग इस मुद्दे पर उच्च न्यायालय में दाखिल याचिका में भी की गई है। इस बीच, जेल मंत्री कुसुम मेहदेले ने इन आरोपों को खारिज किया कि जेल की सुरक्षा में खामी थी और बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी मंत्रियों के साथ तैनात हैं। (भाषा) 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

विजय माल्या के खिलाफ दो गैर जमानती वॉरंट जारी