नई दिल्ली। कांग्रेस की अनुशासनात्मक समिति ने मंगलवार रात को राजस्थान के मंत्रियों शांति धारीवाल और महेश जोशी तथा पार्टी के नेता धर्मेंद्र राठौड़ को उनकी घोर अनुशासनहीनता के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया और उनसे 10 दिन के भीतर यह बताने के लिए कहा कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए?
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर कोई एक्शन नहीं लिया गया है, उन्हें क्लीन चिट देने से जोड़कर देखा जा रहा है। ऐसे में गहलोत के अभी मुख्यमंत्री बने रहने के आसार नजर आ रहे हैं। साथ ही गहलोत के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नॉमिनेशन पर अभी भी रहस्य बना हुआ है।
ये नोटिस तब भेजे गए हैं, जब इससे पहले पार्टी पर्यवेक्षकों मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन ने तीनों पर घोर अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को अपनी लिखित रिपोर्ट सौंपी थी।
अनुशासनात्मक समिति के सचिव तारिक अनवर द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि यह कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए आपसे 10 दिन में यह बताने को कहा जाता है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संविधान के प्रावधानों के अनुसार आपके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों न की जाए?
धारीवाल, विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक जोशी और राठौड़ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा विधायकों की अलग से एक बैठक बुलाने तथा कांग्रेस विधायक दल की बैठक न होने देने के लिए की गई है।
नोटिस का जवाब देंगे : राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि वे पार्टी की ओर से जारी कारण बताओ नोटिस का संतोषजनक जवाब देंगे। जोशी ने पार्टी द्वारा नोटिस जारी किए जाने के बारे में सवाल किए जाने पर यहां कहा कि नोटिस मेरे हाथ में अभी आया नहीं है। मैंने भी सुना है कि नोटिस जारी हुआ है।
आश्चर्य की बात है कि नोटिस मुझे (अभी) मिला नहीं है और यह मीडिया को मिल गया है, लेकिन चलो कोई बात नहीं। जोशी ने कहा कि हम (कांग्रेस अध्यक्ष) सोनिया गांधी और राहुल गांधी के सिपाही हैं। सत्य और न्याय के लिए पहले भी लड़े हैं, आगे भी लड़ेंगे। पार्टी के हित में जो भी ठीक समझेंगे, वह करेंगे।