जम्मू। पुलवामा जिले के लेटपोरा में आतंकियों ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कैंप पर फिदायीन हमला कर दिया। इसमें चार जवान शहीद हो गए, जबकि तीन अन्य घायल हो गए, वहीं सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को भी ढेर कर दिया। अभी भी कैंप में दोनों ओर से गोलीबारी हो रही है।
रविवार तड़के 2 बजे तीन से चार आतंकी भारी गोला-बारूद के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की 185वीं बटालियन के कैंप में घुस गए और उन्होंने पहले ग्रेनेड दागा और इसके बाद अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। इससे पहले सीआरपीएफ के तीन जवान घायल हो गए। तीनों घायलों को तुरंत इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवा दिया। तीनों की इलाज के दौरान मौत हो गई। एक जवान बाद में शहीद हुआ। शहीद हुए जवानों में से एक की पहचान श्रीनगर के सैफुदीन सोज के रूप में हुई है।
वहीं, मौके पर सुरक्षाबलों के जवान भी पहुंच गए और उन्होंने आतंकियों का मुंहतोड़ जवाब देना शुरू कर दिया। इस दौरान तीन आतंकी भी ढेर हो गए। अभी भी एक से दो आतंकी और होने की सूचना है। आतंकी कैंप में एक इमारत में छुप हुए हैं। दोनों ओर से अभी गोलीबारी जारी है।
सीआरपीएफ के पीआरओ राजेश यादव के अनुसार तड़के दो बजे आतंकी कैंप में घुसपैठ करने पहुंचे। संतरी ने उन्हें रोका, लेकिन उन्होंने ग्रेनेड फेंका और फायरिंग कर भीतर घुस गए। इससे तीन जवान घायल हो गए। तीनों ने बाद में दम तोड़ दिया।
वहीं, जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेशक एसपी वैद का कहना है कि आतंकियों के हमला करने की सूचना दो तीन दिन से थी। रात को दो बजे उन्होंने हमला किया। गौरतलब है कि इस कैंप में आतंकवाद से लड़ने वाले जवानों को प्रशिक्षण भी दिया जाता है। घटना की जिम्मेदारी जैश-ए-मुहम्मद आतंकी संगठन ने ली है। पुलिस महानिदेशक एसपी वैद ने कहा कि ऑपरेशन न केवल आतंकियों को मारने के लिए शुरू किया गया था बल्कि उन्हें मुख्य धारा में वापस लाने के लिए भी था।
गौरतलब है कि अगस्त में सीआरपीएफ पर हुए हमले में आठ सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। आतंकियों ने पुलवामा में एक जिला पुलिस परिसर को निशाना बनाते हुए हमला किया था। हमले में शामिल तीनों आतंकियों को मार गिराया गया थे।
जम्मू-कश्मीर में इस साल अब तक सुरक्षाबलों और पुलिस ने ऑपरेशन ऑल आउट के तहत लगभग 225 आतंकवादियों को मार गिराया है। आतंकवादी इसी से बौखलाए हुए हैं और सुरक्षा कैंपों को अपना निशाना बना रहे हैं।
दूसरी ओर पुलिस महानिदेशक एसपी वैद ने रविवार को यहां कहा है कि सुरक्षा बलों को पिछले तीन दिनों से आतंकवादी हमले होने की आशंका की जानकारी थी। वैद का यह बयान पुलवामा जिले में सीआरपीएफ शिविर पर हुए आतंकवादी हमले के कुछ घंटों के भीतर आया है।
सीआरपीएफ के एक प्रशिक्षण शिविर में चार आतंकवादी रविवार तड़के घुस आये थे। इस हमले में चार जवानों की मौत हो गयी तथा तीन घायल हो गए, जबकि तीन आतंकियों को मौत के घाट उतारा गया। वैद ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि जब तक पाकिस्तान आतंकवादी भेजता रहेगा तब तक कश्मीर के लोग और सुरक्षा बल इस स्थिति से गुजरते रहेंगे। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि पिछले दो-तीन दिनों से हमले के संबंध में सूचना थी। आतंकवादी हमले की कोशिश कर रहे थे। उन्हें इससे पहले हमला करने का समय और स्थान शायद नहीं मिला था इसलिए शनिवार रात वे यहां घुस आए।
उन्होंने बताया कि आतंकवादियों की ओर से की गई शुरुआती गोलीबारी में तीन जवानों को गोली लगी। डीजीपी ने कहा कि जब तक हमारा पड़ोसी इस तरह के लोगों को भेजता रहेगा तब तक कश्मीर में चुनौतियां बनी रहेंगी। हमारी पुलिस, सुरक्षा बलों और कश्मीर के लोगों को इस हालात से गुजरना है। आतंकवादी हमले के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी करके आतंकवादियों के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया था।