Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

खुला राज, मंगल पर कभी पृथ्वी की तरह खारे पानी की झील थी

हमें फॉलो करें खुला राज, मंगल पर कभी पृथ्वी की तरह खारे पानी की झील थी
, शनिवार, 19 अक्टूबर 2019 (16:35 IST)
ह्यूस्टन। मंगल ग्रह पर कभी खारे पानी की झीलें थीं, जो पृथ्वी की तरह कई बार सूखीं और फिर पानी से भर गईं। एक अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है कि लाल ग्रह की जलवायु लंबे समय के अंतराल में पूरी तरह शुष्क हो गई।
 
शोधकर्ताओं के मुताबिक मंगल पर लाल पानी संभवत: टिकने योग्य नहीं रहा और ग्रह का वातावरण शुष्क होने से वाष्प बनकर उड़ गया। साथ ही सतह पर दबाव कम हो गया।
 
‘नेचर जियो साइंस’ पत्रिका में छपे इस अध्ययन में बताया गया है कि करीब तीन अरब वर्ष पहले गेल क्रेटर में जो झील मौजूद थी वह मंगल ग्रह के शुष्क होने के साथ संभवत: सूख गई। इस 95 मील चौड़े पहाड़ी बेसिन का अध्ययन नासा का क्यूरोसिटी रोवर 2012 से कर रहा है।
 
कैसे बने गेल क्रेटर : अध्ययन में बताया गया है कि करीब तीन करोड़ 60 लाख वर्ष पहले एक उल्का पिंड के मंगल ग्रह से टकराने के कारण गेल क्रेटर बना।
 
टेक्सास एएं एम यूनिवर्सिटी के अनुसंधान के लेखक मारियन नाचों ने बताया कि गेल क्रेटर से पता चलता है कि मंगल ग्रह पर तरल जल मौजूद था जो सूक्ष्मजीवी जीवन के लिए मुख्य कारक है।
 
नाचों के मुताबिक कि खारे पानी के तालाब सूखने की प्रक्रिया के दौरान बने। यह कहना कठिन है कि ये तालाब कितने बड़े थे लेकिन गेल क्रेटर की झील लाखों वर्षों तक मौजूद रही।
 
शोधकर्ताओं ने बताया कि मंगल ग्रह पर खारे पानी के तालाब उसी तरह के थे जैसे पृथ्वी पर होते हैं, बोलीविया- पेरू की सीमा के नजदीक आल्टीप्लाने क्षेत्र में मौजूद खारे पानी की तालाब की तरह।
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

भारत के BSF जवान की मौत पर बांग्लादेश का बयान, जरूरत पड़ी तो गृहमंत्री अमित शाह से करेंगे बात