भारत जोड़ो यात्रा के चलते राजस्थान में राहुल गांधी की मौजूदगी के बीच भले ही सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच अघोषित युद्धविराम दिखाई दे रहा है, लेकिन यात्रा के 100वें दिन दौसा क्षेत्र में लोगों की भीड़ ने राहुल गांधी को सचिन पायलट की ताकत से रूबरू करा दिया। छतों से लेकर सड़कों तक चारों ओर लोग नजर आ रहे थे।
सचिन पायलट ने पहला चुनाव दौसा से ही लड़ा था। जिस तरह सचिन ने ताकत दिखाई है, उससे इस बात को बल मिल रहा है कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले गहलोत की कुर्सी जा सकती है। लंबे समय से 'सीएम इन वेटिंग' सचिन पायलट की उम्मीदें पूरी हो सकती हैं। वैसे भी राजस्थान में इस यात्रा ने पायलट समर्थक क्षेत्रों में ही ज्यादा वक्त दिया है।
दरअसल, राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का गढ़ कहे जाने वाले दौसा में पदयात्रियों के स्वागत के लिए भारी भीड़ उमड़ी थी। नेताओं की हौसला अफजाई के लिए पूरे यात्रा मार्ग पर लोगों की कतारें लगी हुई थीं। राहुल के बगल में चल रहे पायलट के समर्थन में कई जगहों पर नारे लगे। सचिन पायलट और उनके पिता दिवंगत राजेश पायलट, दोनों पूर्व में दौसा से सांसद निर्वाचित हो चुके हैं।
हालांकि कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने गहलोत और पायलट के बीच जारी विवाद पर कहा कि सब कुछ सहजता से हल किया जाएगा और पार्टी राज्य में पूरी तरह से एकजुट है। उन्होंने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि राजस्थान में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी जीत दर्ज कर दोबारा सत्ता में आएगी।
दूसरी ओर, गहलोत ने पिछले महीने पायलट को गद्दार कहकर विवाद को और हवा दे दी थी। पायलट ने भी पटलटवार करते हुए कहा था कि इस तरह की भाषा का इस्तेमाल गहलोत ही कर सकते हैं और इस वक्त जबकि ध्यान भारत जोड़ो यात्रा पर होना चाहिए, इस तरह कीचड़ उछालने से उन्हें कोई मदद नहीं मिलेगी।
— वीर गुर्जर सेना (@Veergurjarsena1) December 16, 2022
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ट्विटर पर भी लोगों ने सचिन पायलट का खुलकर समर्थन किया है। मनराज कुक्सवाल ने लिखा- कई राज्यों के मुख्यमंत्री सचिन पायलट के कद के आसपास भी नहीं पहुंच पाते। बड़े दुख का विषय है ऐसे नेता को कांग्रेस ने पिछले 3 सालों से सरकार व संगठन में बिना पद के बिठा रखा है, सचिन पायलट के साथ हो रहे बर्ताव ने उनके प्रति आमजन में अथाह सहानुभूति पैदा कर दी।
वहीं, सचिन पायलट लवर ट्विटर हैंडल से लिखा गया- मैं तो राजपूत हूं गुर्जर थोड़ा ही हूं। मैं सचिन पायलट को नजदीक से देख्या, परख्या। पायलट तो तो देश का भविष्य है। ऐसे आदमी को तो देश का PM होना चाहिए और उनको अभी CM भी नहीं बनाए। पायलट युवाओं की धड़कन हैं।
सुमित सारस्वत ने लिखा- क्या लोग सिर्फ राहुल गांधी और सचिन पायलट को देखने आएं हैं या यह तस्वीरें सूबे में सत्ता वापसी का संकेत हैं। राजस्थान से गुजर रही भारत जोड़ो यात्रा में कांग्रेस लीडर राहुल गांधी और सचिन पायलट दौसा पहुंचे तो जनसैलाब उमड़ आया।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala