मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) अद्यतन किए जाने के नाम पर की जा रही धोखाधड़ी को देखते हुए लोगों को आगाह किया। केंद्रीय बैंक ने लोगों से अपने खाते का ब्योरा या पासवर्ड जैसी महत्वपूर्ण सूचना किसी अपरिचित व्यक्ति अथवा एजेंसियों के साथ साझा नहीं करने की सलाह दी है। आरबीआई ने एक बयान में कहा कि उसे केवाईसी अद्यतन के नाम पर ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी को लेकर शिकायतें/रिपोर्ट प्राप्त हुई हैं।
बयान के अनुसार इस तरह की धोखाधड़ी में आम तौर पर केवाईसी अद्यतन को लेकर कॉल, एसएमएस, ई-मेल आदि ग्राहकों को प्राप्त होते हैं और उनसे व्यक्तिगत जानकारी, खाता/ लॉग-इन ब्योरा, कार्ड सूचना, पिन, ओटीपी आदि मांगे जाते हैं। इसमें केवाईसी अद्यतन के लिए भेजे गए लिंक के जरिए अनधिकृत एप्लीकेशन डाउनलोड करने को कहा जाता है। आरबीआई के अनुसार उसे यह भी रिपोर्ट मिली है कि फोन अथवा संदेश देने वाले ग्राहकों को ऐसा नहीं करने पर खाता बंद होने की चेतावनी भी देते हैं।
बयान में कहा गया है कि एक बार ग्राहक कॉल/ संदेश/ अनधिकृत एप्लीकेशन के माध्यम से सूचना साझा करते हैं व धोखाधड़ी करने वालों को संबंधित व्यक्ति के खातों तक पहुंच हो जाती है। आरबीआई ने कहा कि लोगों को आगाह किया जाता है कि वे खाता लॉग-इन विवरण, व्यक्तिगत जानकारी, केवाईसी दस्तावेजों की प्रतियां, कार्ड की जानकारी, पिन, पासवर्ड, ओटीपी आदि को अज्ञात व्यक्तियों या एजेंसियों के साथ साझा न करें। ये सूचनाएं अनधिकृत वेबसाइट या एप्लीकेशन (ऐप) के माध्यम से भी नहीं दी जानी चाहिए। अगर ग्राहकों को ऐसी कोई संदेश मिलता है, वे तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें।
आरबीआई ने कहा कि विनियमित इकाइयों को केवाईसी के निश्चित अंतराल पर अद्यतन की जरूरत होती है। इस प्रक्रिया को काफी हद तक सरल बनाया गया है। विनियमित इकाइयों को सलाह दी गई है कि जिन खातों के संदर्भ में निश्चित अंतराल पर केवाईसी अद्यतन की जरूरत है, उन खातों पर 1 दिसंबर, 2021 तक कोई पाबंदी केवल केवाईसी के नाम पर नहीं लगाई जाएगी।(भाषा)