मुंबई। रिजर्व बैंक ने कहा है कि नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) के दायित्व से छूट प्राप्त सुविधा के तहत कर्ज देने की शुरुआत 14 फरवरी से हो जाएगी। इस सुविधा के तहत जो भी अधिक कर्ज दिया जाएगा उस पर अगले 5 साल के लिए सीआरआर से छूट प्राप्त होगी।
सीआरआर छूट से तात्पर्य यह है कि जिस उद्योग श्रेणी को यह कर्ज दिया जाएगा उस श्रेणी को दिए जाने वाले नए कर्ज पर बैंकों को सीआरआर राशि का और प्रावधान नहीं करना होगा। रिजर्व बैंक द्वारा जारी प्रपत्र में कहा गया है कि सीआरआर प्रावधान मुक्त कर्ज देने की सुविधा 14 फरवरी से 6 माह के लिए शुरू कर दी जाएगी।
यह सुविधा 14 फरवरी से 31 जुलाई 2020 तक के लिए होगी। हालांकि इसके तहत शुद्ध मांग और समय देनदारी की 31 जनवरी 2020 के आधार पर गणना की जाएगी। रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह जारी मौद्रिक नीति की समीखा में उद्योग क्षेत्र में नकदी बढ़ाने के अतिरिक्त उपायों की घोषणा की थी।
इसके पीछे मकसद जरूरतमंद वर्ग को अधिक कर्ज उपलब्ध कराना था। रिजर्व बैंक ने इसमें कहा, तरलता से लबालब भरे बैंक इन जरूरतमंद वर्गों को कर्ज दे सकते हैं और ऐसा करते समय उन्हें सीआरआर के लिए अतिरिक्त प्रावधान नहीं करना होगा।
बैंकों को सीआरआर राशि रिजर्व बैंक के पास रखनी होती है जिस पर उन्हें कोई ब्याज नहीं मिलता है। बैंक क्षेत्र के नियामक ने वाहन, आवास और सूक्ष्म, लघु एवं मझौले (एमएसएमई) क्षेत्र की उन क्षेत्रों के तौर पर पहचान की है जिन्हें प्राथमिक रूप से अतिरिक्त कर्ज उपलब्ध कराया जाना चाहिए।