नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने एक RTI के जवाब में खुलासा किया कि 2,000 रुपए के नोटों की छपाई बंद कर दी है। इस वित्त वर्ष में एक भी 2,000 रुपए का नोट नहीं छपा है।
उल्लेखनीय है कि नवंबर 2016 में सरकार ने काला धन पर लगाम लगाने के लिए 500 रुपए के पुराने नोट और 1,000 रुपए के नोट को बैन कर दिया गया था। इसके बाद 500 रुपए के नए नोट के साथ ही 2,000 रुपए का नोट भी जारी किया गया था।
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, RBI ने RTI का जवाब देते हुए कहा कि 2016-17 के वित्त वर्ष के दौरान 2,000 रुपए के 3,542.991 मिलियन नोट छापे गए थे।
क्या है 2000 रुपए के नोट कम छापने की वजह : दरअसल 2000 रुपए का यह नोट आम लोगों को ज्यादा रास नहीं आया। लोगों को अब इतने बड़े नोट की जरूरत नहीं है। 2000 के नोटों से कालाधन जमा होने की आशंका भी बढ़ गई है। इतना ही नहीं, दुकानदार भी सामना खरीदने के बाद भी खुल्ले पैसे देने में आनाकानी करते हैं।
अधिकारियों के अनुसार, 2,000 रुपए के ज्यादा सर्कुलेशन से सरकार के लक्ष्य के नुकसान पहुंच सकता था क्योंकि वे तस्करी और अन्य अवैध उद्देश्यों में इसका इस्तेमाल करना आसान है। आंध्र प्रदेश-तमिलनाडु बॉर्डर से 2,000 रुपए के नोटों में 6 करोड़ रुपए की बेहिसाब कैश जब्त की गई थी।
अब क्या होगा : हालांकि अभी तक आरबीआई की तरफ से ऐसा कोई निर्देश नहीं आया है कि 2000 का नोट बंद होने जा रहा है, लेकिन यह पहले से ही माना जा रहा था कि यह नोट धीरे-धीरे चलन से बाहर हो जाएगा। बाबा रामदेव भी कहा था कि 2000 का नोट बंद हो जाएगा। लेकिन, लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि जब यह नोट चलन से बाहर होंगे या फिर बंद होंगे तो आपको पुराने नोट बदलने का पूरा मौका दिया जाएगा, जैसा कि नोटबंदी के समय दिया गया था। जिन लोगों ने एक बार फिर कालाधन इकट्ठा कर लिया 'बड़े नोट' के रूप में, उन्हें जरूर थोड़ी परेशानी होगी।
अकसर उड़ती रहती है बंद होने की अफवाह : बाजार में पहले भी कई बार 2000 रुपए के नोट बंद होने की अफवाह उड़ती रही है। हालांकि एक बार तो RBI ने ही इस नोट के बंद होने की अफवाह का खंडन किया था।
इन अफवाहों को इसलिए भी बल मिला है क्योंकि पिछले काफी समय से देखें तो बैंकों के एटीएम में 500, 200 और 100 रुपए के नोट ही निकलते हैं। 2000 के नोट आमतौर पर दिखाई नहीं देते या फिर कभी-कभार ही एटीएम से निकलते हैं।
इस नोट के प्रचलन में आने के बाद ही जानकारों का मानना था कि यह नोट धीरे-धीरे प्रचलन से बाहर हो जाएगा क्योंकि सरकार इसे सीमित मात्रा में ही छापेगी। नोटबंदी के समय भी 2000 के नोट का विरोध इसलिए हुआ था कि बड़े नोट बंद करने की पक्षधर सरकार 1000 का नोट बंद कर 2000 का नोट प्रचलन में ला रही है। विरोधियों का तर्क था कि इससे काले धन को बढ़ावा ही मिलेगा।