50वें विजय दिवस पर राजनाथ ने याद किया शहीद सैन्यकर्मियों को

Webdunia
गुरुवार, 16 दिसंबर 2021 (12:45 IST)
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 50वें विजय दिवस के मौके पर गुरुवार को कहा कि 1971 का भारत-पाक युद्ध भारतीय सेना के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय है। भारत ने इस युद्ध में पाकिस्तान को मात दी थी। इसी युद्ध के बाद बांग्लादेश अस्तित्व में आया था। इस दिन को 'विजय दिवस' के तौर पर मनाया जाता है। सिंह ने युद्ध में शहीद हुए सैन्यकर्मियों को भी श्रद्धांजलि दी।

ALSO READ: 16 December Vijay Diwas : भारतीय सेना के पराक्रम से जन्मा एक नया देश बांग्लादेश
 
उन्होंने कहा कि 'स्वर्णिम विजय दिवस के मौके पर हम 1971 के युद्ध में अपने सैन्यकर्मियों के पराक्रम और बलिदान को याद करते हैं। 1971 का युद्ध भारतीय सेना के इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है। हमें अपने सैन्य बलों और उनकी उपलब्धियों पर गर्व है।'

 
लगभग 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने 16 दिसंबर, 1971 को भारतीय सेना और 'मुक्ति वाहिनी' की संयुक्त सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था जिसने बांग्लादेश के गठन का मार्ग प्रशस्त किया। भारत 'विजय दिवस' की 50वीं वर्षगांठ मनाने के लिए कई कार्यक्रम भी आयोजित कर रहा है। रक्षामंत्री ने इस युद्ध से जुड़ीं कई तस्वीरें भी ट्विटर पर साझा कीं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

PAN 2.0 Project : अब बदल जाएगा आपका PAN कार्ड, QR कोड में होगी पूरी कुंडली

तेलंगाना सरकार ने ठुकराया अडाणी का 100 करोड़ का दान, जानिए क्या है पूरा मामला?

Indore : सावधान, सरकारी योजना, स्कीम और सब्सिडी के नाम पर खाली हो सकता है आपका खाता, इंदौर पुलिस की Cyber Advisory

क्‍या एकनाथ शिंदे छोड़ देंगे राजनीति, CM पर सस्पेंस के बीच शिवसेना UBT ने याद दिलाई प्रतिज्ञा

संभल विवाद के बीच भोपाल की जामा मस्जिद को लेकर दावा, BJP सांसद ने शिव मंदिर होने के दिए सबूत

सभी देखें

नवीनतम

LIVE: संविधान दिवस पर खास कार्यक्रम शुरू, पीएम मोदी ने संविधान को सिर से लगाया, राष्ट्रपति करेंगी संबोधित

चंडीगढ़ में 2 क्लबों के बाहर धमाके, बाइक सवारों ने फेंके विस्फोटक

ऐसा क्या है 80 करोड़ के इस हेलीकॉप्टर में, हरियाणा सरकार ने क्यों खरीदा यह उड़न खटोला?

लंदन में "फ्रेंड्स ऑफ मध्यप्रदेश" कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

अडाणी मामले में भारतीय संसद में बवाल, क्या बोला अमेरिकी विदेश मंत्रालय?

अगला लेख
More