नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) का भारत में कोई आधार नहीं है, लेकिन सोशल मीडिया के जरिए कुछ युवाओं के इससे प्रभावित होने के मामले सामने आए हैं, जिनकी जांच चल रही है।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने एक पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि इस प्रकार की कोई जानकारी या सबूत नहीं है कि आईएस ने देश में आधार बना लिया है। हालांकि केंद्रीय और राज्य सुरक्षा एजेंसियों के ध्यान में कुछ ऐसे लोग आए हैं जो सोशल मीडिया के जरिए आईएस की विचारधारा से प्रभावित हुए हैं। ऐसे युवाओं की कुल संख्या 80 है जिनमें से 22 केरल से हैं। इनमें 16 के खिलाफ जांच चल रही है।
उन्होंने कहा कि ये युवा कट्टरवाद से प्रभावित है और सरकार ऐसे कार्यक्रम चला रही है जिससे युवाओं में कट्टरवाद का प्रभाव घटाया जा सके। इसके लिए कुछ धार्मिक गुरुओं ने भी आईएस के प्रभाव में नहीं आने की अपील की है। भारतीय समाज का ढांचा और पारिवारिक ढांचा भी आईएस के प्रभाव को कम करने में मदद करता है।
सिंह ने कहा कि आईएस क खतरे का आकलन करने और उससे निपटने के लिए एक राष्ट्रीय रणनीति तैयार करने के उद्देश्य से केंद्रीय और राज्य एजेंसियों की बैठक आयोजित की जा रही है। (वार्ता)