नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती संघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों का एक महीने से प्रदर्शन जारी था। रविवार को दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर से नए संसद भवन की ओर मार्च कर रहे पहलवानों को हिरासत में ले लिया गया। इसे लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा।
विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया को दिल्ली पुलिस ने रविवार को सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला महापंचायत के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश करने के बाद कानून और व्यवस्था के उल्लंघन के लिए हिरासत में ले लिया ।
पहलवानों को जबरदस्ती बसों में बैठाकर अज्ञात स्थल पर भेज दिया गया। पुलिस ने इसके बाद पहलवानों के प्रदर्शन स्थल जंतर मंतर से उनके चारपाई, गद्दे, कूलर, पंखे और तिरपाल आदि सामान को हटा दिया।
देश के शीर्ष पहलवानों ने 23 अप्रैल को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर अपना आंदोलन फिर से शुरू किया था। बृजभूषण पर एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है।
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने इसे लेकर ट्वीट किया। कांग्रेस ने कहा कि सत्ता की लोलुपता में जमीर मर गया। पहलवानों को बुरी तरह घसीटा गया। सीमेंट, बालू से इतिहास नहीं रचा जाता।
प्रधानमंत्री कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं। पीएम अपना राजतिलक करवा रहे हैं। उधर पहलवानों से हाथापाई की जा रही है।
राजदंड से बृजभूषण को बाहर निकालें। सत्ता की लोलुपता में जमीर मर गया है। बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों ने नए संसद भवन तक शांतिपूर्ण मार्च का ऐलान किया था।
पहलवानों को हिरासत में लिया : दिल्ली पुलिस ने रविवार को नवनिर्मित संसद भवन के पास महिला महापंचायत के लिये जा रहे बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट सहित अन्य प्रदर्शनकारी पहलवानों को हिरासत में ले लिया।
प्रधानमंत्री कर रहे थे उद्घाटन : जिस समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संसद भवन का उद्घाटन कर रहे थे, उस समय करीब दो किलोमीटर दूर स्थित पहलवान विनेश फोगाट और संगीता फोगाट ने संसद की ओर जाने के लिए पुलिस सुरक्षा भेदने की कोशिश की। दोनों पक्षों के बीच धक्का-मुक्की के बाद पुलिस ने पहलवानों को हिरासत में ले लिया।
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तंबुओं को उखाड़ा : इसी बीच, साक्षी के अकाउंट से किए गए एक ट्वीट के अनुसार, पुलिस ने जंतर-मंतर पर लगे प्रदर्शनकारी पहलवानों के तंबुओं को उखाड़ना शुरू कर दिया है। एक नाबालिग सहित सात महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपी बृजभूषण शरण सिंह की मांग कर रहे पहलवान एक माह से यहां प्रदर्शन पर बैठे थे।
महा पंचायत का किया था ऐलान : पहलवानों के 'महिला सम्मान महापंचायत' के आह्वान के बाद दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर सुरक्षा बढ़ा दी थी। लुटियंस दिल्ली इलाके में रविवार को हजारों पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था और कई जगहों पर बैरिकेड लगायी गयी थीं।
पहलवानों ने कहा था कि वे किसी भी कीमत पर नये संसद भवन के पास अपनी 'महापंचायत' करेंगे। पुलिस ने कहा कि किसी भी प्रदर्शनकारी को नये भवन की ओर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी और पहलवानों को किसी भी राष्ट्र-विरोधी गतिविधि में शामिल नहीं होना चाहिए। पहलवानों ने कहा था कि पुलिस का बल प्रयोग उन्हें शांतिपूर्ण मार्च और महापंचायत आयोजित करने से नहीं रोक पाएगा।
सामने आया मोदी सरकार का चेहरा : कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया आज जब प्रधानमंत्री नए संसद भवन का उद्घाटन कर रहे थे और लोकतंत्र को लेकर प्रवचन दे रहे थे, तब संसद से कुछ ही दूरी पर मेडल जीतकर देश का मान बढ़ाने वाली बेटियों को हिरासत में लिया जा रहा था। यह शर्मनाक है और मोदी सरकार के असली चेहरे को दिखाता है।
मारपीट का आरोप : कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रेस कॉन्फेंस में कहा कि आज इतिहास का काला दिन है। कुछ साल पहले एक प्रधानमंत्री (अटल बिहारी वाजपेयी) ने मोदी जी से राजधर्म की बात की थी। आज जब प्रधानमंत्री राजदंड को लेकर चल रहे थे, तो बेटियों के खिलाफ अत्याचार हो रहा था।
उन्होंने दावा किया गया कि महिला पहलवानों को मारा गया, उन्हें घसीटा गया और उनका सामान फेंक दिया गया। आप राजधर्म तब निभाइएगा, जब उसे पदों से हटाइए।
महिला कांग्रेस की प्रमुख नेटा डिसूजा ने आरोप लगाया कि महिला पहलवानों से बदसलूकी किए जाने के साथ तिरंगे का भी अपमान किया गया है।
स्वाति मालीवाल ने लिखा पत्र : दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने तथा रविवार को जंतर-मंतर पर प्रदर्शनकारी पहलवानों को हिरासत में लेने वाले कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
मालीवाल ने दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा को लिखे पत्र में कहा कि उन्हें यह देखकर बहुत दुख हुआ कि दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रही महिला पहलवानों और उनके परिवारों के साथ बदसलूकी की और उन्हें जबरदस्ती हिरासत में ले लिया।
Edited By : Sudhir Sharma