नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को राहत देने के बुधवार को संकेत दिए।
शीर्ष अदालत ने कहा कि अपीलकर्ता (गांधी) के बयान से आभास होता है कि उन्होंने एक संस्था के तौर पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) को महात्मा गांधी का हत्यारा नहीं बताया था। गांधी का अभिप्राय संघ से जुड़े लोगों से था। ऐसे में आरएसएस के लिए मानहानि वाली बात नहीं लगती।
न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 1 सितंबर की तारीख मुकर्रर करते हुए कहा कि यदि गांधी के खिलाफ शिकायत करने वाला व्यक्ति (राजेश कुंटे) इन दलीलों से संतुष्ट होता है तो कांग्रेस उपाध्यक्ष के खिलाफ मानहानि का मुकदमा निरस्त किया जा सकता है।
गांधी ने महाराष्ट्र के भिवंडी की निचली अदालत में अपने खिलाफ चल रहे मानहानि का मुकदमा निरस्त करने की मांग की है। इससे पहले वे न्यायालय के माफी मांगने के प्रस्ताव को ठुकरा चुके हैं।
संघ की भिवंडी इकाई के सचिव राजेश कुंटे ने आरोप लगाया था कि गांधी ने सोनाले में 6 मार्च 2014 को एक चुनावी रैली में कहा था कि आरएसएस ने गांधीजी की हत्या की थी। कुंटे ने कहा था कि कांग्रेस नेता ने अपने भाषण के जरिए संघ की प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाने की कोशिश की है। (वार्ता)