गुरदासपुर। पंजाब पुलिस से बर्खास्त तथा पठानकोट एयरबेस पर जनवरी 2016 में हुए आतंकवादी हमले के बाद चर्चा में आए पूर्व पुलिस अधीक्षक सलविंदर सिंह को बलात्कार, पद के दुरुपयोग व भ्रष्टाचार मामले में एक स्थानीय अदालत ने आज 10 साल व 5 साल की कैद व पचास-पचास हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई जो साथ-साथ चलेंगी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रेम कुमार की अदालत ने यह फैसला सुनाया।
पति को बचाने के लिए पत्नी पर बनाया था दबाव : अभियोजन पक्ष के अनुसार वर्ष 2014 में किसी मामले में गुरदासपुर के एक निवासी ने खुद को निर्दोष करार देते हुए जिला पुलिस अधीक्षक को जांच का अनुरोधकर्ता पत्र दिया था। जिला पुलिस अधीक्षक ने इसकी जांच उस समय गुरदासपुर में तैनात पुलिस अधीक्षक मुख्यालय सलविंदर सिंह को सौंपी। तब सिंह ने अपने पद का दुरुपयोग कर शिकायतकर्ता की पत्नी को मोबाइल पर कॉल करनी शुरू कर दी तथा उसे अपने पति को बचाने के लिए घर बुलाना शुरू कर दिया।
पैसे भी लिए और बलात्कार भी किया : शिकायतकर्ता से सिंह ने 50 हजार रुपए भी लिए तथा उसकी पत्नी से बलात्कार भी किया। शिकायतकर्ता की पत्नी ने इस बारे में अपने पति को बताया तो शिकायतकर्ता ने 10 जुलाई 2015 को तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को चंडीगढ़ में आयोजित एक कार्यक्रम में शिकायत दी।
पुलिस अधीक्षक, बटाला प्रदीप मलिक ने जांच की और सलविंदर सिंह के पक्ष में रिपोर्ट दी। उसके बाद शिकायतकर्ता ने फिर बादल से संपर्क किया। तब बादल ने इस मामले की जांच आईपीएस अधिकारी गुलनीत सिंह पठानकोट को सौंपी।
उन्होंने जांच में सलविंदर सिंह को जोशी ठहराया व 3 अगस्त 2016 को सिटी पुलिस स्टेशन गुरदासपुर में सलविंदर सिंह के खिलाफ बलात्कार, पद के दुरुपयोग व भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया। इससे पूर्व सलविंदर सिंह को आज अमृतसर से लाकर अदालत में पेश किया गया। न्यायधीश ने सलविंदर को 15 फरवरी को दोषी करार दिया था। सलविंदर ने अदालत के बाहर पत्रकारों से कहा कि वह निर्णय के खिलाफ पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय में अपील करेगा।