वे देश की पहली प्राइवेट महिला जासूस मानी जाती हैं। उन्होंने करीब 80 हजार केसों को हल किया है। हम बात कर रहे हैं रजनी पंडित की। रजनी पंडित खुद को देशी शर्लाक होम्स बताती हैं। रजनी का जन्म महाराष्ट्र के ठाणे में हुआ। उनके पिता सीआईडी में थे।
हाल ही में रजनी पंडित ने ह्यूमंस ऑफ बॉम्बे के फेसबुक पेज पर एक पोस्ट के माध्यम से अपने सबसे कठिन केस के बारे में बताया। जिसमें उन्होंने यह भी बताया कि कैसे करियर शुरू किया और एक महिला जासूस होने पर किस प्रकार चुनौतियों का सामना किया। 23 घंटे पहले पोस्ट किए गए इस स्टेट्स पर 17 हजार से ज्यादा लोगों ने प्रतिक्रिया दी है। इस पोस्ट पर 650 से ज्यादा कमेंट हैं और 1360 से ज्यादा लोगों ने इसे शेयर किया है।
उन्होंने खुद को 'देसी शर्लाक के रूप में वर्णित किया है। उन्होंने अपनी बात 22 साल की उम्र के पहले केस से शुरू की और बताया कि उसके बाद किस प्रकार उनकी प्रसिद्धि बढ़ी।
उनकी फेसबुक पोस्ट का सबसे दिलचस्प हिस्सा तब आता है जब वे अपने सबसे कठिन केस के बारे में बताती हैं। उन्होंने इस पोस्ट में बताया कि एक डबल मर्डर केस को हल करने के लिए उन्हें नौकरानी बनना पड़ा। वे 6 महीने तक उस महिला के यहां मेड बनकर रहीं, जिस पर हत्या का शक था।
पोस्ट में रजनी ने बताया कि 'एक बार बिलकुल शांति थी, इस दौरान मेरे रिकॉर्डर से 'क्लिक' की आवाज आ गई। इससे वो मुझ पर शक करने लगीं और मुझे बाहर जाने से रोकने लगीं। उन्होंने अपनी पोस्ट में बताया कि किस तरह उन्होंने उस केस को हल किया।
अपनी पोस्ट के अंत में पंडित ने लिखा कि मैंने लगभग 80000 मामलों को हल कर लिया है। मैंने दो किताबें लिखी हैं, अनगिनत पुरस्कार जीते हैं और जो समाचार चैनलों द्वारा दिखाए गए हैं, लेकिन सबसे अधिक... मैं देसी हूं, 'देसी शर्लाक'।