मथुरा। कान्हा की नगरी मथुरा पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को 'ओम' और 'गाय' के बहाने विपक्ष पर करारा वार किया। उन्होंने कहा कि 'ओम' शब्द सुनते ही कुछ लोगों के कान खड़े हो जाते हैं, वहीं कुछ लोगों के कान में 'गाय' शब्द पड़ता है तो उनके बाल खड़े हो जाते हैं, उनको करंट लग जाता है। उनको लगता है कि देश 16वीं-17वीं सदी में चला गया है। ऐसे लोगों ने ही देश को बर्बाद कर रखा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने मथुरा में राष्ट्रीय पशु रोग उन्मूलन कार्यक्रम की शुरुआत की। पशुओं में खुरपका-मुंहपका रोग को दूर करने और टीकाकरण की व्यवस्था कर, स्वास्थ्य से जुड़ी परियोजनाओं का लोकार्पण किया।
उन्होंने कहा कि हमारे देश का दुर्भाग्य है कि कुछ लोगों के कान में अगर ओम शब्द पड़ता है तो उनके कान खड़े हो जाते है, कान में गाय शब्द पड़ता है तो बाल खड़े हो जाते हैं। उनको लगता है कि देश 16वीं-17वीं शताब्दी में चला गया। भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पशुधन बहुत मूल्यवान है। कोई कल्पना करे कि पशुधन के बिना अर्थव्यवस्था चल सकती है क्या? गांव चल सकता है क्या? गांव का परिवार चल सकता है क्या? लेकिन पता नही 'ओम' शब्द सुनते ही करंट लग जाता है कुछ लोगो को।
दक्षिण अफ्रीका के रबांडा का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह वहां गए थे और वहां गांवों में लोगों को गाय भेंट में दी जाती है। गांव में गाय, पशुपालन और दुग्ध उत्पादन अर्थव्यवस्था का आधार बने हैं। भेंट की गई गाय की पहली बछिया को सरकार लेती है और उन्हें सौंपती है जिनके पास गाय नहीं है। इस तरह पूरी श्रृंखला चलती रहती है और गाय लोगों की आय का एक हिस्सा बनती है।