नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि प्रत्येक राज्य को अपनी ताकत पहचाननी चाहिए और भारत को 5000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए एक लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। इसे हासिल करने के लिए एक मसौदा विकसित करना चाहिए। भारत को 5 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए यह जरूरी है।
प्रधानमंत्री मुख्य सचिवों के पहले तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे थे। यह सम्मेलन शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में संपन्न हुआ। सम्मेलन 15 जून से शुरू हुआ था। एक आधिकारिक बयान के अनुसार मोदी ने सम्मेलन के दौरान हुए सत्रों की सराहना करते हुए कहा कि विभिन्न क्षेत्रों के लिए एक मसौदा तैयार करने में यह विचार-विमर्श उपयोगी है।
बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने कहा कि हर राज्य को अपनी ताकत को पहचानना चाहिए, अपने लक्ष्यों को परिभाषित करना चाहिए और इसे हासिल करने के लिए एक मसौदा विकसित करना चाहिए। भारत को 5000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए यह जरूरी है। मोदी ने 2019 में 2024-25 तक भारत को 5000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का विचार रखा था।
बयान में कहा गया कि भविष्य में वृद्धि और रोजगार सृजन में शहरी क्षेत्र महत्वपूर्ण होंगे और इसलिए शहरी स्थानीय निकायों को मजबूत किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में निवेश आकर्षित करने के लिए पीएम-गति शक्ति को उचित रूप से लागू किया जाना चाहिए और उन्होंने आग्रह किया कि राज्य सरकार के विभागों में सभी रिक्तियों को भरा जाना चाहिए।
बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों को प्रत्येक क्षेत्र में रिक्तियों की पहचान करनी चाहिए और उन्हें भरना चाहिए। उन्होंने सभी सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों में प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने तथा केंद्र और राज्यों के डेटा सेट को जोड़ने की जरूरत पर भी बल दिया।
उन्होंने कहा कि सभी नए विचारों और अमल में लाए जाने योग्य बिंदुओं को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। मोदी ने कहा कि प्रदर्शन, सुधार और परिवर्तन करना समय की मांग है। बयान के मुताबिक, मोदी ने जोर देकर कहा कि केंद्र और राज्य मिलकर टीम इंडिया की तरह काम करें।
उन्होंने कहा कि राज्यों को अपने विभागों और स्थानीय निकायों द्वारा की गई खरीदारी के लिए जीईएम पोर्टल का बेहतर उपयोग करना चाहिए, जिससे समय और लागत की बचत होगी। बयान के अनुसार प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कहा कि राज्यों को प्राथमिक विद्यालयों के साथ आंगनवाड़ियों को जोड़ने का प्रयास करना चाहिए।(भाषा)