नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की दूसरी पुण्यतिथि पर यहां रविवार को भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद में उनके चित्र का अनावरण किया और उन्हें 'व्यापक रूप से स्वीकार्य' नेता बताया। कोविंद ने कार्यक्रम का डिजिटल तरीके से उद्घाटन किया और कहा कि वाजपेयी के नेतृत्व में भारत का कद बढ़ा था।
राष्ट्रपति ने कहा, वे शांति के प्रबल पक्षधर थे और उन्होंने पड़ोसी मुल्कों के साथ बेहतर संबंधों के लिए हमेशा काम किया। उन्होंने कठिन से कठिन परिस्थितियों का शांति से सामना किया।कोविंद ने कहा कि अपने आचरण से वाजपेयी ने सभी राजनीतिक दलों और सार्वजनिक जीवन में सक्रिय लोगों को यह सिखाया कि राष्ट्रहित सर्वोपरि है। इसलिए वे 'व्यापक रूप से स्वीकार्य' नेता थे, उन्हें सभी चाहते थे।
आधिकारिक बयान के अनुसार, राष्ट्रपति ने कहा कि पूरी दुनिया कोरोनावायरस संक्रमण से जूझ रही है, लेकिन जब हम इससे उबर जाएंगे तब हम प्रगति और समृद्धि के मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ेंगे और 21वीं सदी को भारत की सदी बनाने के अटलजी के सपने को पूरा करने में सफल रहेंगे।
वाजपेयी ने मार्च 1977 से अगस्त 1979 तक भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के पदेन अध्यक्ष के रूप में सेवाएं दीं थीं। उस वक्त वे केंद्रीय विदेश मंत्री थे।
विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन, भाजपा के राज्यसभा सदस्य विनय सहस्रबुद्धे ने भी इस कार्यक्रम में शिरकत की। बयान में कहा गया कि कोविंद ने सुबह वाजपेयी के स्मारक 'सदैव अटल' जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।(भाषा)