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भारत विरोधियों पर क्या बोले राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी...

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चेन्नई , शुक्रवार, 3 मार्च 2017 (12:22 IST)
चेन्नई। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को कहा है कि क्षेत्र में बदलती भू-राजनीतिक स्थिति के बीच भारत की प्रगति और सुरक्षा पर बुरा प्रभाव डालने का इरादा रखने वालों के खिलाफ कड़े प्रतिरोध की जरूरत है।
 
उन्होंने एक हेलीकॉप्टर इकाई को उसके शानदार कार्यों के लिए सम्मानित भी किया। इस इकाई ने पिछले साल पठानकोट वायुसैनिक अड्डे पर हुए आतंकी हमले के दौरान आतंकियों को एक स्थान पर रोककर रखने में एक अहम भूमिका निभाई थी।
 
राष्ट्रपति ने कहा कि इस बहुध्रुवीय और बहुपक्षीय विश्व में भारत एक जिम्मेदार और उभरती हुई शक्ति है। हमारे क्षेत्र के बदलते सामाजिक-आर्थिक और भू-राजनीतिक परिदृश्य की यह मांग है कि जो लोग हमारे देश की प्रगति, समृद्धि और सुरक्षा को प्रभावित करने का बुरा इरादा रखते हैं, उनके खिलाफ कड़ा प्रतिरोध अपनाया जाए तथा आंतरिक और बाहरी शत्रुतापूर्ण इकाइयों के खिलाफ प्रतिरोध के अलावा सशस्त्र बल प्राकृतिक आपदाओं के दौरान नागरिकों को मदद पहुंचाने के काम में भी आगे रहे हैं।
 
राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तराखंड, कश्मीर घाटी और तमिलनाडु में बाढ़ के दौरान भारतीय वायुसेना के अभियानों का जिक्र अहम है और इन अभियानों को पूरा देश हमेशा याद रखेगा। ये अनवरत और नि:स्वार्थ भाव वाले अभियान पराक्रमी वायुसैनिकों के धैर्य और दृढ़ता को दर्शाते हैं। 
 
राष्ट्रपति मुखर्जी तंबारम एयरबेस पर 125 हेलीकॉप्टर स्क्वॉड्रन को 'प्रेजीडेंट्स स्टैंडर्ड' और मैकेनिकल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट को 'प्रेजीडेंट्स कलर्स' सौंपने के बाद अपनी बात रख रहे थे। 'स्टैंडर्ड' और 'कलर्स' किसी इकाई को उसकी उत्कृष्ट सेवा के लिए दिया जाता है।
 
नवंबर 1983 में अपने गठन के बाद से ही 125 हेलीकॉप्टर स्क्वॉड्रन (ग्लैडिएटर्स) ने साल-दर-साल अपनी संचालन क्षमता बढ़ाई है और देश के भीतर या बाहर तैनाती के दौरान अपने पराक्रम एवं मारक क्षमताओं के लिए सराहना हासिल की है। सियेरा लियोन में संयुक्त राष्ट्र के झंडे तले तैनात किए जाने पर ग्लेडिएटर्स ने बंदी बनाए गए भारतीय सेना के 232 कर्मियों को छुड़ाने में अहम भूमिका निभाई थी।
 
राष्ट्रपति ने कहा कि जनवरी 2016 में पठानकोट आतंकी हमले के दौरान आतंकियों को एक स्थान पर रोकने के लिए स्क्वॉड्रन ने अहम भूमिका निभाई थी। इस तरह से हताहतों की संख्या को कम किया जा सका था। 
 
तंबारम एयरफोर्स स्टेशन पर स्थित मैकेनिकल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट वायुसेना के सबसे पुराने प्रशिक्षण संस्थानों में से एक है। (भाषा)
 

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