Case of lapse in security of Parliament : संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शुक्रवार को कहा कि संसद की सुरक्षा में चूक को लेकर एक उच्चस्तरीय जांच जारी है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान और संसद के दोनों सदनों में चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी सांसदों के विरोध प्रदर्शन के बीच जोशी ने यह टिप्पणी की।
केंद्र सरकार की ओर से आवाज दबाने की कोशिश किए जाने से जुड़े विपक्षी दलों के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, कोई किसी की आवाज दबाने की कोशिश नहीं कर रहा है, यह उनका मत है। दो विधेयक शुक्रवार को कार्यसूची में शामिल किए गए थे। सोमवार को भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और साक्ष्य अधिनियम को बदलने के लिए तीन महत्वपूर्ण विधेयक लाए जाएंगे। हम विस्तृत चर्चा चाहते हैं, हमने 15 घंटे आवंटित किए हैं।
वर्ष 2001 में संसद पर आतंकवादी हमले की बरसी पर बुधवार को एक बड़ी सुरक्षा चूक का मामला सामने आया जब दो व्यक्ति (सागर शर्मा और मनोरंजन डी) शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा के अंदर कूद गए और केन से पीले रंग का धुआं छोड़ा। इस घटना पर गृहमंत्री के बयान की विपक्षी नेताओं की मांग के बीच जोशी ने कहा कि संसद भवन लोकसभा अध्यक्ष के दायरे में आते हैं।
उन्होंने कहा, दोनों इमारतें लोकसभा अध्यक्ष के दायरे में आती हैं। हम लोकसभा अध्यक्ष के आदेश का पालन कर रहे हैं। उच्चस्तरीय जांच चल रही है। यह कहना कि हम सदन नहीं चलने देंगे, उन्हें (विपक्ष को) जिम्मेदारी से व्यवहार करना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी नेता एसपी सिंह बघेल ने विपक्ष पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
बघेल ने कहा, विपक्ष जानबूझकर दोनों सदनों को चलने नहीं दे रहा है। लोकसभा अध्यक्ष ने गृहमंत्री को लिखा है, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के महानिदेशक को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जांच की जाएगी कि वे किस विचारधारा से प्रभावित थे, उनकी क्या मंशा थी। गृहमंत्री ये विवरण सामने आने के बाद ही कोई बयान दे सकते हैं। वह आधी जानकारी के साथ बयान नहीं देंगे।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, गृहमंत्री दिल्ली पुलिस और देश की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हैं। वह मीडिया चैनलों से बात कर रहे हैं। जब संसद सत्र चल रहा हो तो उनकी मुख्य जवाबदेही उस सदन के प्रति होती है जिसके वह सदस्य हैं। उन्हें आना चाहिए और बोलना चाहिए। यदि उन्होंने ऐसा किया होता तो यह संकट बहुत पहले दूर हो सकता था।
आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि विपक्षी दल जांच रिपोर्ट का इंतजार करने के लिए तैयार हैं, लेकिन गृहमंत्री को सदन में आकर इस घटना पर बयान देना चाहिए। चड्ढा ने कहा, इस मुद्दे को लेकर सभी सांसद बहुत चिंतित हैं। यदि संसद सुरक्षित नहीं है, तो देश की सुरक्षा का क्या होगा?
राघव चड्ढा ने कहा कि सांसदों को विश्वास में लें और जांच का ब्योरा साझा करें। क्या भाजपा के सांसद उस व्यक्ति को जानते हैं, क्या वह साजिश का हिस्सा थे या उन्हें छला गया? यहां कई सवाल हैं।
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, मेरा मानना है कि सिर्फ विपक्ष ही नहीं, सत्ता पक्ष के लोगों को भी गृहमंत्री से बयान देने का आग्रह करना चाहिए। एक तरफ, वे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और अक्साई चिन को वापस लेने की बात करते हैं, लेकिन वे संसद की भी रक्षा नहीं कर सकते।
कांग्रेस के नेता कार्ति चिदंबरम ने भी इसी तरह की बात कही। कार्ति ने कहा कि शुक्रवार को सदन को मशहूर फर्राटा धावक उसैन बोल्ट से भी अधिक गति के साथ स्थगित कर दिया गया। कार्ति ने कहा कि शाह सदन में आकर यह बता सकते थे कि वे कौन से कदम उठाने जा रहे हैं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour