नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 संकट से गरीबों और वंचितों की सुरक्षा के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत 42 करोड़ से अधिक गरीबों को 68,820 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 26 मार्च को 1.70 लाख करोड़ रुपए की पीएमजीकेवाई योजना के हिस्से के तौर पर मुफ्त अनाज और महिलाओं, गरीब वरिष्ठ नागरिकों और किसानों को नकद सहायता देने की घोषणा की थी।
वित्त मंत्रालय की जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि पैकेज के क्रियान्वयन पर केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगातार नजर रखी जा रही है। प्रधानमंत्री गरीब कलयाण योजना के तहत अब तक 42 करोड़ गरीबों को 68,820 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है।
मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक इस राशि में से 17,891 करोड़ रुपए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) की पहली किस्त के तौर पर दिए गए हैं। इसके तहत 8.94 करोड़ लाभार्थी किसानों को उनके बैंक खाते में 2,000 रुपए की पहली किस्त पहुंचाई गई है। इसके साथ ही 20.6 करोड़ महिला जनधन खाताधारकों के खाते में 3 माह के दौरान हर महीने 500 रुपए की किस्त के रूप में 30,925 करोड़ रुपए डाले गए हैं।
मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) के तहत 2.81 करोड़ बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों को 2,814.5 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। इनमें प्रत्येक लाभार्थी को योजना के तहत 500 रुपए की 2 समान किस्तों में नकद अनुदान सहायता प्राप्त हुई है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत अप्रैल से जून अवधि के दौरान 75 करोड़ लाभार्थियों को 111.6 लाख टन खाद्यान्न वितरित किया गया है। इस योजना को 5 माह के लिए बढ़ाया गया है। योजना अब नवंबर 2020 तक लागू रहेगी। इसके तहत राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेश 98.31 लाख टन अनाज उठा चुके हैं।
विज्ञप्ति के अनुसार जुलाई में 72.18 करोड़ लाभार्थियों को 36.09 लाख टन अनाज वितरित किया गया। अगस्त में 60.44 करोड़ को 30.22 लाख टन अनाज का वितरण किया गया और 7 सितंबर 2020 की स्थिति के अनुसार 3.84 करोड़ लाभार्थियों को 1.92 लाख मीट्रिक टन अनाज वितरित किया जा चुका है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 18.8 करोड़ लाभार्थियों को 5.43 लाख टन दाल भी वितरित की गई।
सरकार ने 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' के तहत प्रवासी मजदूरों को 2 महीने के लिए मुफ्त अनाज और चना देने की घोषणा की थी। राज्यों ने 2.8 करोड़ प्रवासी मजदूरों की संख्या होने का अनुमान बताया है। अगस्त तक कुल मिलाकर 5.32 करोड़ प्रवासियों को 2.67 लाख टन अनाज वितरित किया गया। इस लिहाज से हर महीने करीब 2.66 करोड़ प्रवासी लाभार्थियों को मुफ्त अनाज वितरित किया गया। यह संख्या प्रवासियों की अनुमानित संख्या के करीब 95 प्रतिशत तक है। (भाषा)