लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जीवन में योग के महत्व की तुलना नमक से करते हुए कहा कि जैसे जीवन में नमक का महत्व है, वैसा ही हम योग का स्थान बना सकते हैं और पूरी दुनिया को अपने साथ जोड़ने में बड़ी भूमिका अदा कर रहे योग के जरिये विश्व को मानवीय विचारों के संकटों से बचाया जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने तृतीय अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर रिमझिम बारिश के बीच यहां के रमाबाई अम्बेडकर रैली स्थल पर आयोजित कार्यक्रम में लोगों के हुजूम को सम्बोधित करते हुए कहा, नमक होता तो थोड़ा सा है लेकिन पूरे शरीर की रचना में उसका महत्व नकारा नहीं जा सकता। जीवन में नमक ना हो तो जीवन नहीं चलता। जैसा जीवन में नमक का सार है, वैसा ही योग का स्थान हम बना सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हमें घंटों योग करने की जरूरत नहीं है। बस 50-60 मिनट योग करने से स्वस्थ शरीर, स्वस्थ मन, स्वस्थ बुद्धि प्राप्त होती है। अगर सवा सौ करोड़ देशवासी इस स्वास्थ्य को प्राप्त कर लें तो दुनिया के सामने जो मानवीय विचारों के संकट पैदा होते हैं, उनसे भी हम मानव जाति की रक्षा कर सकते हैं।
मोदी ने कहा कि योग विश्व को अपने साथ जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। दुनिया के हर देश में योग का कार्यक्रम होता है। आज योग हर किसी के जीवन का हिस्सा बन रहा है। भारत के लोगों की प्राथमिकता दुनिया में प्रमुख स्थान पा चुकी है। विश्व के अनेक देश जो ना तो हमारी परम्परा जानते हैं और ना ही संस्कृति जानते हैं, लेकिन वे सभी योग के कारण भारत के साथ जुड़ने लगे हैं। योग आज विश्व को अपने साथ जोड़ने में बहुत बड़ी भूमिका अदा कर रहा है।
बारिश के खलल के बावजूद लोगों की उमड़ी भीड़ को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर बारिश हो जाए तो योग मैट या योग दरी का इस्तेमाल कैसे हो सकता है, यह भी लखनउवासियों ने दिखा दिया। मोदी ने कहा कि पिछले तीन सालों में योग की वजह से कई संस्थान स्थापित किए गए और योग शिक्षकों की मांग सबसे ज्यादा है। मैं योग को जीवन का हिस्सा बनाने का आग्रह करता हूं ताकि हमारी भावी पीढ़ियां हमारे सदियों पुराने ज्ञान से परिचित हों।
प्रधानमंत्री ने तृतीय अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस पर विश्व भर में योग प्रेमियों को हृदयपूर्वक बधाई देते हुए कहा कि विश्व के सभी देश जिस उमंग और उत्साह के साथ योग से जुड़े हैं, मैं इसके लिए भी उन्हें बधाई देता हूं। मैं लखनऊवासियों का भी दिल से अभिनन्दन करता हूं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा कि योग जीवन की एक कला है। यह ऋषि प्रसाद है। इसे अन्तरराष्ट्रीय मान्यता प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री के प्रति कृतज्ञता जाहिर करनी चाहिए। दुनिया के 200 से अधिक देश भारत की इस प्राचीन विधा के साथ झूमते दिखाई दे रहे हैं।
अपने सम्बोधन के बाद मोदी ने युवाओं के बीच पहुंचकर करीब 25 मिनट तक योगाभ्यास किया। इस मौके पर राज्यपाल राम नाईक और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने भी योगाभ्यास में हिस्सा लिया। जैसा कि अंदेशा था, लखनउ में सुबह रिमझिम बारिश हुई। मगर इसके बावजूद लोगों में गजब का उत्साह देखा गया। (भाषा)