Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कावेरी विवाद पर कर्नाटक में बवाल, क्या बोले पीएम मोदी...

हमें फॉलो करें कावेरी विवाद पर कर्नाटक में बवाल, क्या बोले पीएम मोदी...
नई दिल्ली , मंगलवार, 13 सितम्बर 2016 (12:23 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कावेरी जल विवाद को लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु में उत्पन्न घटनाक्रमों पर दुख प्रकट किया और इस बात पर बल देते हुए शांति की अपील की कि हिंसा किसी भी समस्या का हल नहीं प्रदान कर सकती। उन्होंने कहा कि विवाद का हल केवल कानूनी दायरे में हो सकता है और कानून तोड़ना व्यावहारिक विकल्प नहीं है।
 
 
 
उन्होंने एक बयान में कहा कि कर्नाटक और तमिलनाडु में कावेरी नदी के पानी के वितरण के मुद्दे के फलस्वरूप जो स्थिति पैदा हुई है वह बहुत कष्टप्रद है। मैं इन घटनाक्रमों से बहुत व्यथित हूं।
 
मोदी ने कहा कि हिंसा किसी भी समस्या का हल नहीं प्रदान कर सकती। लोकतंत्र में हल संयम और परस्पर बातचीत से ढूंढे जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं दोनों राज्यों के लोगों से संवेदनशीलता प्रदर्शित करने और अपनी नागरिक जिम्मेदारियों को भी दिमाग में रखने की अपील करता हूं।
 
प्रधानमंत्री ने विश्वास प्रकट किया कि लोग राष्ट्रहित एवं राष्ट्र-निर्माण को अन्य बातों से उपर रखेंगे तथा हिंसा, विध्वंस और आगजनी को त्यागकर संयम, सद्भाव कायम रखने और समस्या का हल ढूंढने को प्राथमिकता देंगे।
 
तमिलनाडु के साथ कावेरी का जल साझा करने को लेकर उत्पन्न विवाद के कल हिंसक हो जाने पर कर्नाटक में पुलिस गोलीबारी में एक व्यक्ति की जान चली गयी जबकि एक अन्य घायल हो गया। दोनों राज्यों के बीच तनाव बढ़ गया है। बेंगलुरू में सोमवार व्यापक हिंसा हुई और देर रात 16 थानाक्षेत्रों में रात का कर्फ्यू लगा दिया गया।
 
मोदी ने कहा कि पिछले दो दिनों से नजर आ रही हिंसा और आगजनी गरीबों और राष्ट्र की संपत्ति को बस नुकसान ही पहुंचा रही हैं।
 
उन्होंने कहा, 'जब भी देश ने प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना किया तब हमेशा कर्नाटक और तमिलनाडु के लोगों ने देश के बाकी लोगों की तरह स्थिति को संवेदनशीलता से संभाला।' उच्चतम न्यायालय ने 5 सितंबर के अपने फैसले को कल संशोधित करते हुए कर्नाटक से तमिलनाडु को 20 सितंबर तक कावेरी नदी से 12000 क्यूसेक पानी (घटी हुई मात्रा) देने को कहा।
 
पांच सितंबर के अपने आदेश में शीर्ष अदालत ने कर्नाटक को पड़ोसी राज्य के किसानों की बुरी स्थिति सुधारने के लिए 10 दिनों के लिए 15000 क्यूसेक पानी देने को कहा था। इसके बाद कर्नाटक में किसानों और कन्नड़ संगठनों की ओर से जोरदार विरोध शुरू हो गया था। (भाषा) 
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

ईद पर नवाज शरीफ के नापाक सुर, फिर याद आया कश्मीर