उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद भारत के लोगों को एक बड़ा झटका सहने के लिए तैयार रहना चाहिए। माना जा रहा कि इस चुनाव के बाद पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें 'आग' उगलने वाली हैं। हालांकि यह बढ़ोतरी एक साथ नहीं होगी बल्कि धीरे-धीरे होगी।
अभी तक चुनाव की वजह से ही पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़े थे। दूसरी ओर, ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल (ब्रेंट क्रूड) के भाव बढ़कर 115 डॉलर प्रति बैरल के आसपास पहुंच गए हैं।
इस बीच, यह भी माना जा रहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध और अन्य वैशि्वक परिस्थितियों के चलते कच्चे तेल के दाम 150 डॉलर प्रति बैरल पर भी पहुंच सकते हैं।
ग्लोबल फर्म गोल्डमैन सैश, मॉर्गन स्टैनली और JP मॉर्गन ने कच्चे की कीमतों पर भविष्यवाणी की है। इनके मुताबिक कच्चे तेल के दाम जल्द ही 150 डॉलर प्रति बैरल को भी पार कर सकते हैं। हालांकि, रूस ने अपने क्रूड के दाम रिकॉर्ड स्तर तक घटा दिए हैं, लेकिन अमेरिका और यूरोप की ओर से लगे प्रतिबंधों की वजह से कोई भी उसे खरीद नहीं रहा।
ऐसे में माना जा रहा है कि निकट भविष्य में पेट्रोल की कीमतों में तगड़ा उछाल आ सकता है, जो कि 15 से 25 रुपए प्रति लीटर हो सकता है।
एक्सपर्ट्स भी मान रहे हैं कि यूपी और पंजाब सहित 5 राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनाव के बाद आम आदमी को महंगाई के मोर्चे पर बड़ा झटका लग सकता है। यूपी विधानसभा चुनाव के लिए आखिरी दौर का मतदान 7 मार्च को हो जाएगा और 10 मार्च तक नतीजे भी आ जाएंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि इसके तत्काल बाद पेट्रोल के दामों में इजाफा हो सकता है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत 110.88 डॉलर प्रति बैरल पहुंच जाने के बावजूद घरेलू स्तर पर लगातार 118वें दिन भी पेट्रोल और डीजल के दाम स्थिर रहे। कच्चे तेल की कीमतों में उछाल रूस यूक्रेन संकट के बाद ही शुरू हो गया था। ऐसे में गर्मी की तपिश के साथ पेट्रोल की आग भी लोगों को झुलसाएगी।
केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमशः 5 और 10 रुपये घटाने की घोषणा के बाद 4 नवंबर 2021 को ईंधन की कीमतों में कमी आई थी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर न्यूयॉर्क में ब्रेंट क्रूड में कीमत 5.63 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 110.88 डॉलर प्रति बैरल पर थी, जबकि अमेरिकी क्रूड 5.75 प्रतिशत बढ़कर 109.36 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया था।