पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को लेकर विपक्ष के निशाने पर आई मोदी सरकार पर कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर जमकर निशाना साधा है। दामों पर किए गए ट्वीट से भाजपा खूब ट्रोल हुई। भाजपा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ग्राफिक्स के जरिए दिखाया कि किस तरह 16 मई 2009 से लेकर 16 मई 2014 तक यूपीए-2 के दौरान पेट्रोल की कीमतों में 75.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी।
कीमत 40.62 रुपए से बढ़कर 71.41 रुपए तक पहुंच गई, लेकिन भाजपा सरकार में 16 मई 2014 से लेकर 10 सितंबर 2018 तक दामों में बढ़ोतरी 13 प्रतिशत ही रही। पेट्रोल की कीमत 71.41 रुपए से बढ़कर 80.73 रुपए तक पहुंची।
भाजपा ने ठीक इसी तरह डीजल के दाम भी ग्राफिक्स के जरिए बताने की कोशिश की 2009-14 तक यूपीए-2 सरकार के दौरान डीजल के दाम में 83.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। कीमत 30.86 रुपए से बढ़कर 56.71 रुपए तक पहुंच गई।
लेकिन मोदी सरकार में 16 मई 2014 से लेकर 10 सितंबर 2018 तक दामों में बढ़ोतरी सिर्फ 28 प्रतिशत ही रही। डीजल की कीमत 56.71 रुपए से बढ़कर 72.83 रुपए पहुंची। सोशल मीडिया पर भाजपा के इस ट्वीट की यूजर्स ने ट्रोलिंग शुरू कर दी।
इसके बाद कांग्रेस के आधिकारिक टि्वटर हैंडल से नया इंफ्रोग्राफिक्स चार्ट ट्वीट किया गया, जो देखने में भाजपा जैसा ही है। लेकिन इसमें कच्चे तेल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी का ब्योरा भी है। कांग्रेस ने ट्वीट में लिखा कि इसलिए देश की अर्थव्यवस्था संभालने में हम बेहतर थे।
कांग्रेस ने अपने ट्वीट में बताया कि 16 मई 2009 से लेकर 16 मई 2014 के बीच जब पेट्रोल की कीमत 40.62 रुपए से बढ़कर 71.41 रुपए हुई, उस दौरान कच्चे तेल की कीमत में 84 प्रतिशत का इजाफा हुआ।
दूसरी ओर मोदी सरकार में 16 मई 2014 से 10 सितंबर 2018 के बीच कच्चे तेल के दाम 34 फीसदी घटते हुए 107 डॉलर प्रति बैरल से 71 रुपए प्रति बैरल हो गए। इसके बाद भी पेट्रोल के दाम में इजाफा हुआ और पेट्रोल 71 रुपए से बढ़कर 80 रुपए के पार पहुंच गया।