22 जुलाई से शुरू होगा संसद का सत्र, सांसदों को याद दिलाए शिष्टाचार के नियम

कहा कि संसद में 'वन्दे मातरम्' सहित अन्य नारे नहीं लगाए जाएं

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शनिवार, 20 जुलाई 2024 (18:35 IST)
नई दिल्ली। संसद सत्र (Parliament session) सोमवार से शुरू होने से पहले सांसदों को याद दिलाया गया है कि सभापति के निर्णयों की सदन के अंदर या बाहर सीधे तौर पर या परोक्ष रूप से आलोचना नहीं की जानी चाहिए और सदस्यों को 'वन्दे मातरम्' (Vande Mataram) व 'जय हिन्द' (Jai Hind) सहित अन्य नारे नहीं लगाने चाहिए।
 
सदस्यों को यह भी याद दिलाया गया है कि सदन में तख्तियां लेकर प्रदर्शन करने की भी नियम अनुमति नहीं देते। राज्यसभा सचिवालय ने 'राज्यसभा सदस्यों के लिए पुस्तिका' के कुछ अंश को 15 जुलाई को अपने बुलेटिन में प्रकाशित कर संसदीय परंपराओं और संसदीय शिष्टाचार के प्रति सदस्यों का ध्यान आकृष्ट किया है।

ALSO READ: Parliament session: भाजपा ने कांग्रेस पर लगाया भय और भ्रम की राजनीति करने का आरोप
 
संसद सत्र 22 जुलाई से शुरू होगा : संसद सत्र 22 जुलाई से शुरू हो रहा है और यह 12 अगस्त को संपन्न होगा। बुलेटिन में कहा गया है कि सदन की कार्यवाही की गरिमा और गंभीरता के लिए यह आवश्यक है कि सदन में 'धन्यवाद', 'आपका शुक्रिया', 'जय हिन्द', 'वन्दे मातरम्' या अन्य कोई नारा नहीं लगाया जाना चाहिए।
 
इसमें कहा गया है कि सभापति द्वारा सदन के पूर्व के दृष्टांतों के अनुसार निर्णय दिए जाते हैं और जहां कोई उदाहरण नहीं है, वहां सामान्य संसदीय परंपरा का पालन किया जाता है। बुलेटिन में पुस्तिका के अंश को उद्धृत करते हुए कहा गया है कि सभापति द्वारा दिए गए निर्णयों की सदन के अंदर या बाहर सीधे तौर पर या परोक्ष रूप से आलोचना नहीं की जानी चाहिए।

ALSO READ: भाजपा विधायक बोला, राहुल गांधी को संसद में बंद कर थप्पड़ मारना चाहिए
 
संसदीय शिष्टाचार का पालन करने का अनुरोध : संसदीय शिष्टाचार का हवाला देते हुए बुलेटिन में कहा गया कि आक्षेप, आपत्तिजनक और असंसदीय अभिव्यक्ति वाले शब्दों का इस्तेमाल करने से पूरी तरह से बचना चाहिए। पुस्तिका में कहा गया है कि जब सभापति को लगता है कि कोई विशेष शब्द या अभिव्यक्ति असंसदीय है तो उसे बिना बहस के तुरंत वापस लेना चाहिए।

ALSO READ: मणिपुर की स्थिति को लेकर संसद में बोले पीएम मोदी, सरकार स्थिति सामान्य करने के लिए निरंतर प्रयासरत
 
पीठासीन अधिकारी का झुककर अभिवादन करें : इसमें यह भी कहा गया है कि प्रत्येक सदस्य को सदन में प्रवेश करने या बाहर निकलते समय और सीट पर बैठने या उठकर जाने से पहले पीठासीन अधिकारी का झुककर अभिवादन करना चाहिए। कोई सदस्य जब किसी अन्य सदस्य या मंत्री की आलोचना करता है तो अपेक्षा की जाती है कि आलोचना करने वाला सदस्य उत्तर सुनने के लिए सदन में उपस्थित रहे। पुस्तिका में कहा गया है कि जब सदन में मंत्री उत्तर दे रहे हों तो सदन में अनुपस्थित रहना संसदीय शिष्टाचार का उल्लंघन है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

उद्धव ठाकरे, अजित पवार के बाद CM शिंदे के बैग की तलाशी, जानिए नेताओं के पास क्या-क्या मिला

क्या महाराष्ट्र में चुनाव के बाद बदलेंगे राजनीतिक समीकरण, फिर चाचा शरद के साथ आ सकते हैं अजित पवार

न UPPSC झुकने को तैयार है और न ही प्रतियोगी छात्र, कैसे बनेगी बात?

कवि प्रदीप की पंक्तियों का सुप्रीम कोर्ट में उल्लेख, एक घर का सपना कभी ना छूटे

महाराष्ट्र चुनाव में स्व. इंदिरा गांधी की भी एंट्री, जानिए क्या कहा अमित शाह ने

सभी देखें

नवीनतम

झारखंड में गरजे मुख्यमंत्री योगी, बोले- सरकार माओवादियों के सफाए को प्रतिबद्ध

Indore में 15 साल की लड़की के साथ गैंगरेप, वीडियो भी बनाया, आरोपियों में नाबालिग भी

वायु प्रदूषण : Delhi-NCR में लागू होगा ग्रैप-3, जानिए क्या होंगी पाबंदियां

LIVE: EC की सख्ती जारी, महाराष्ट्र में देश के 8 बड़े नेताओं के सामान की चेकिंग

AAP के महेश खींची बने दिल्ली के अगले महापौर, BJP के किशन लाल को 3 वोटों से हराया

अगला लेख
More