नई दिल्ली। मोदी सरकार ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (SC/ST) एक्ट पुराने स्वरूप में लाना चाहती है। एससी-एसटी एक्ट संशोधन विधेयक को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद लोकसभा में पेश किया गया। इस पर सदन में चर्चा होनी है। संसद में चर्चा के दौरान यह साफ हो जाएगा कि पक्ष-विपक्ष इस पर क्या नजरिया रखते हैं।
गौरतलब है कि इसी वर्ष 21 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (एससी/एसटी एक्ट 1989) के तहत दर्ज मामलों में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने फैसला देते हुए कहा था कि सरकारी कर्मचारियों की गिरफ्तारी सिर्फ सक्षम अथॉरिटी की इजाजत के बाद ही हो सकती है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में देशभर में प्रदर्शन भी हुए थे। दलित समुदाय ने 2 अप्रैल को 'भारत बंद' किया था। कई राज्यों में हिंसा तक हुई थी, जिसमें एक दर्जन लोगों की मौत गई थी। अब केंद्र सरकार ने ने इस एक्ट को पुराने स्वरूप में लागू करने का निर्णय लिया है।