एलओसी पर भूतहा शांति, सहमे हैं स्कूली बच्चे...

सुरेश एस डुग्गर
श्रीनगर। एलओसी पर पुंछ तथा राजौरी सेक्टरों में बीती रात भारतीय सेना द्वारा पाक सेना को दिए गए करारे जवाब के बाद एलओसी के इलाकों में भूतहा शांति है। उस पार से गोलाबारी तो रुक गई है, लेकिन इलाके में दहशत अभी बरकरार है।

सीमावासियों को आशंका है कि पाक सेना नुकसान का बदला लेने के लिए और सेक्टरों में अपने तोपखानों का मुंह खोल सकती है। यही कारण है कि इस ओर स्कूली बच्चे जहां सहमे हुए हैं वहीं अधिकारियों ने सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियों को रद्द कर दिया है।
 
बुधवार दोपहर बाद से राजौरी तथा पुंछ के दोनों जिलों में पाक सेना द्वारा की जा रही गोलाबारी भारतीय सेना के करारे जवाब के बाद थम गई है, लेकिन सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में दहशत का माहौल बरकरार है। पाक गोलाबारी के चलते दोनों जिलों में 120 स्कूल अगले आदेश तक बंद कर दिए गए हैं।
 
शनिवार से लेकर बुधवार तक पाक सेना ने भारतीय क्षेत्र में जमकर गोलाबारी की। इस गोलाबारी में सेना के चार जवान शहीद हो गए जबकि एक बच्ची भी पाक गोलाबारी की चपेट में आने से मारी गई और सात स्थानीय नागरिक व सेना के पांच जवान भी घायल हो गए।
 
बुधवार को भारतीय सेना ने पाक सेना को जवाब देना शुरू किया जिसमें पाक सेना के चार जवान मारे गए और कई जवान घायल हो गए। इस जवाबी कार्रवाई के बाद पाक सेना ने फिलहाल गोलाबारी को बंद कर दिया है। गोलाबारी थमने के बाद भी सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। 
 
दहशत इसलिए है क्योंकि अक्सर देखा गया है कि पाक सेना कुछ समय गोलाबारी बंद रखने के बाद फिर शुरू कर देती है। पहले भी कई बार पाक सेना कुछ कुछ समय के गोलाबारी को बंद कर देती है, लेकिन फिर से तेज गोलाबारी को शुरू कर देती है। सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले लोगों का यही कहना है कि पाक सेना पर कोई भरोसा नहीं है। अभी पाक सेना ने गोलाबारी बंद की है तो किसी भी समय इसे दुबारा शुरू कर देगी इससे अधिक नुकसान होता है क्योंकि गोलाबारी बंद होने पर लोग अपने कार्य में जुट जाते है और पाक सेना अचानक गोलाबारी शुरू कर देती है। जिससे लोगों का पाक गोलाबारी से बचना काफी मुश्किल हो जाता है।
 
इस बीच पाक सेना की गोलाबारी को देखते हुए प्रशासन ने राजौरी व पुंछ दोनों जिलों के सीमांत क्षेत्रों के 120  स्कूलों को अगले आदेश तक बंद कर दिया है। पहले भी कई बार यह स्कूल बंद रह चुके हैं जिससे सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। बच्चे चाहते हैं कि वह अपनी पढ़ाई करने के लिए स्कूलों में जाएं, लेकिन पाक सेना के निशाने पर अब सीमांत क्षेत्रों के स्कूल हैं। प्रशासन नहीं चाहता कि पाक सेना स्कूल में पढ़ाई के लिए आने वाले बच्चों को नुकसान पहुंचाए।
 
दूसरी ओर नौशहरा में जिला आयुक्त राजौरी डॉ. शाहिद इकबाल चौधरी ने नौशहरा के सभी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की है। अधिकारियों को संबोधित करते हुए जिला आयुक्त ने कहा कि नौशहरा में तनावपूर्ण हालात के चलते कोई भी अधिकारी बिना बताए अपने घर नहीं जाएगा।
 
राहत शिविरों में जिन-जिन विभागों का सहयोग लिया जा रहा है एवं जिन-जिन कर्मी को तैनात किया गया है, वे अपना काम पूरी ईमानदारी के साथ करेंगे। जिला प्रशासन की टीम किसी समय भी औचक दौरा कर सकती है। राहत शिविरों में सफाई की व्यवस्था को नगरपालिका एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा देखा जाएगा। राहत शिविरों में दी जाने वाली सुविधाओं में किसी तरह की कोताही को सहन नहीं किया जाएगा।
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