हैदराबाद। संघ प्रमुख मोहन भागवत द्वारा जनसंख्या नियंत्रण कानून पर जोर देने के बाद देशभर में इस विषय पर बहस छिड़ गई है। AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भागवत को जवाब देते हुए कहा कि चिंता मत करो मुस्लिम आबादी नहीं बढ़ रही है, बल्कि गिर रही है।
ओवैसी का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इसमें वे यह कहते दिखाई दे रहे हैं कि चिंता मत करो मुस्लिम आबादी नहीं बढ़ रही है, बल्कि गिर रही है। सबसे ज्यादा कंडोम का उपयोग कौन कर रहा है? ये हम हैं। इस पर मोहन भागवत कुछ नहीं बोलेंगे। उन्होंने कहा कि दो बच्चे पैदा करने के बीच सबसे ज्यादा अंतर मुसलमान रख रहे हैं।
मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि अब समय आ गया है कि जनसंख्या नियंत्रण पर गंभीरतापूर्वक विचार करना चाहिए। वहीं कांग्रेस ने संघ प्रमुख के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि संघ की मंशा पर सवाल उठा दिया है।
कई राज्यों में भी उठ चुकी है मांग- देश की कई राज्यों में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाए जाने की मांग उठ चुकी है। विशेषकर भाजपा शासित राज्यों असम, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर मांग लगातार तेज होती जा रही है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा राज्य में दो बच्चों की नीति बनाने का एलान कर चुके है। तो उत्तर प्रदेश में राज्य अल्पसंख्यक आयोग केंद्र सरकार से जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की सिफारिश करने की तैयारी में है।
जनसंख्या नियंत्रण कानून क्यों जरूरी? 1.35 अरब आबादी के साथ भारत जनसंख्या के मामले में दुनिया में दूसरे स्थान पर है। जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर पीएमओ में प्रजेंटेशन देने के साथ सर्वोच्च अदालत में इस मुद्दें पर जनहित याचिका लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील अश्विनी उपाध्याय संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर कहते हैं कि जनसंख्या नियत्रंण कानून आज देश की जरूरत है और मुझे लगता है कि इसमें अब एक दिन की भी देरी नहीं की जानी चाहिए। हर भारत में हर दिन 86 हजार बच्चे पैदा हो रहे है यानि तीन करोड़ बच्चे सिर्फ 2022 में पैदा हो जाएंगे।
जनसंख्या नियंत्रण पर नीति बनाएगी मोदी सरकार? देश की बढ़ती जनसंख्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चिंता जता चुके है। लाल किले की प्राचीर से 15 अगस्त 2019 के दिए अपने भाषण में देश की बढ़ती जनसंख्या पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत में जनसंख्या विस्फोट हो रहा है, ये आने वाली पीढ़ी के लिए संकट पैदा कर रहा है। प्रधानमंत्री ने आबादी नियंत्रण के लिए छोटे परिवार पर जोर दिया।
ऐसे में जब मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में ट्रिपल तलाक और जम्मू कश्मीर से धारा 370 खत्म कर संघ के पहले दो बड़े एजेंडे को पूरा कर चुकी है। तब क्या अब संघ प्रमुख मोहन भागवत के जनसंख्या नियंत्रण कानून पर साफ संदेश या नसीहत के बाद क्या आने वाले दिनों में मोदी सरकार जनसंख्या नियंत्रण से जुड़ा कोई बड़ा फैसला लेगी, यह देखना होगा।